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रविशंकर प्रसाद: तीन तलाक वोट बैंक का नहीं, नारी न्‍याय का सवाल

Ravishankar prasad: तीन तलाक बिल पर सभी से समर्थन देने की अपील की
सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद भी तीन तलाक का सिलसिल नहीं रुका
शीर्ष अदालत के फैसले पर अमल कराने के लिए लाना पड़ा बिल

Jul 30, 2019 / 05:04 pm

Dhirendra

Ravi shankar
नई दिल्‍ली। मंगलवार को राज्‍यसभा में तीन ताल बिल ( Triple Talaq Bill ) पेश हो गया। सदन के सामने बिल पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ( Ravishankar prasad ) ने कहा कि तीन तलाक बिल वोट बैंक का मसला नहीं है। यह नारी न्‍याय का सवाल है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ( Ravishankar prasad ) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक का सिलसिला जारी रहा।

तीन तलाक ( Triple Talaq Bill ) की वजह से शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल संभव नहीं हो पा रहा था।
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जमानत और समझौता संभव

यही वजह है कि हम तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) लेकर आए हैं। उन्‍होंने कहा कि लोगों की शिकायतों के बाद बिल में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। अब इसमें जमानत और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है।
इसलिए तीन तलाक बिल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए। यह नारी न्याय, गरिमा और नारी उत्थान का मसला है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा रखा है।

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सभी से समर्थन देने की अपील की

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ( Ravishankar prasad ) ने कहा कि एक तरफ बेटियां फाइटर प्लेन चला रही हैं। दूसरी तरफ तीन तलाक की पीड़ित बेटियों को फुटपाथ पर नहीं छोड़ा जा सकता।
केंद्रीय मंत्री ने सभी दलों से नारी न्‍याय को ध्‍यान में रखते हुए बिल को पास करने की अपील की।

Tripple Talaq Bill राज्‍यसभा में पेश, चर्चा जारी

लोकसभा में 5 दिन पहले हुआ था पास
बता दें कि 25 जुलाई ( गुरुवार ) को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 लोकसभा में पास हो गया था। वोटिंग के दौरान कांग्रेस, एआईएडीएमके, डीएमके और समाजवादी पार्टी ने वॉक आउट किया था।
एआईएडीएमके का वॉक आउट करना यह संकेत से यह संकेत मिल गया था कि तीन तलाक बिल को राज्यसभा में एक बार फिर अटक सकता है। फिलहाल इस बिल पर राज्‍यसभा में बहस जारी है।
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एनडीए सांसदों की संख्‍या 103

दरअसल, राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अरुण जेटली वोटिंग नहीं करेंगे। ऐसे में अकेले भाजपा के पास महज 77 सीटें हैं। जबकि राज्यसभा में एनडीए सांसदों की संख्‍या 103 है।
जेडीयू वायकॉट, एआईएडीएमके और वाईएसआर ने जताया विरोध

केंद्र में भाजपा की सहयोगी नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली पार्टी जेडीयू ट्रिपल तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) पर वोटिंग नहीं करने का फैसला लिया है।
एआईएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भले सहयोगी नहीं है लेकिन ट्रिपल तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) के विरोध में खड़ी है। बीजू जनता दल (बीजेडी) तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार के पक्ष में वोटिंग कर सकती है।
राज्यसभा में फिलहाल इस बिल को पास कराने के लिए 121 वोटों की जरूरत है।


BJP को मिल सकता है वाकआउट का लाभ

सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा में वाईएसआरसीपी के पास दो सांसद, जेडीयू के 6 सांसद और एआईएडीएमके के 13 सांसद में तीन तलाक पर वोटिंग के दौरान हिस्सा नहीं लेंगे।
अगर ये पार्टियां वोटिंग से गैर हाजिर रहती हैं तो इससे राज्यसभा की संख्या कम हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा भी घट जाएगा। तीन तलाक बिल पर मतदान के दौरान कुछ पार्टियों के सांसद अगर वॉकआउट करते हैं तो इसका फायदा एनडीए को मिल सकता है।
ऐसा होने पर मोदी सरकार की राह राज्यसभा में आसान हो जाएगी। ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा में पास केंद्र सरकार पास कराने में भी कामयाब हो सकती है।

टीएसआर का रुख साफ नहीं
तेलंगाना राष्ट्र समिति ( TRS ) वोटिंग में हिस्सा लेगी या नहीं इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। टीआरएस के कुल 6 सांसद हैं। इस बात की संभावना ज्‍यादा है कि टीआरएस मतदान में भाग न ले।
एनडीए का गणित

भारतीय जनता पार्टी – 78, असम गण परिषद – 1, नगा पीपल्स फ्रंट- 1, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया- 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट- 1, शिव सेना- 3, लोक जनशक्ति पार्टी- 1, निर्दलीय – 4, नामित सांसद- 3, बीजू जनता दल- 7, शिरोमणि अकाली दल – 3 व अन्‍य सहित मोदी सरकार के पास कुल 104 वोट हैं।
बिल के खिलाफ सांसदों की संख्‍या 109

कांग्रेस – 48, तृणमूल कांग्रेस – 13, आम आदमी पार्टी – 3, बहुजन समाज पार्टी – 4, समाजवादी पार्टी – 12, द्रविण मुनेत्र कड़गम – 3, जेडीएस – 1, राष्ट्रीय जनता दल – 5, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी – 4, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – 2, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी – 5, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग – 1, केरल मणि कांग्रेस – 1, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी – 2, तेलगू देशम पार्टी – 2, निर्दलीय- 2 व नामित – 1 सदस्‍य हैं।

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