एससी-एसटी को नौकरियों में पदोन्नति के लिए सरकार करेगी पैरवी : पासवान
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट में लंबित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की नौकरियों में पदोन्नति देने के मामले में पैरवी करेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की जल्द सुनवाई के लिए अपील करेगी। बता दें कि रामविलास पासवान केंद्र सरकार की गठित मंत्रियों के समूह के सदस्य है। सरकार द्वारा गठित यह कमिटि दलित हितों के मामले पर विचार कर रही है। पासवान ने कहा है कि अध्यादेश लाने से पहले सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। यदि वहां से दलितों के लिए कोई न्याय नहीं मिला तो सरकार एससी-एसटी की नौकरियों में पदोन्नति के लिए अध्यादेश लाएगी।
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एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर उपजा विवाद
गौरतलब है कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर उपजे विवाद से देशभर में दलितों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया है। इस मामले से राजनीति भी उफान पर है। जहां विपक्षी दल सरकार पर दलितों के उत्पीड़न का आरोप लगा रही है वहीं सरकार लगातार कह रही है कि वे दलितों के साथ है और उनके हितों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं। बता दें कि सरकार ने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है।
आपको बता दें कि कोई भी राजनीतिक दल दलितों के वोट से अपने को दूर नहीं रखना चाहती है। आम चुनाव से पहले कई अहम राज्यों में चुनाव होने हैं। इसी मद्देनजर कोई भी राजनीतिक दल कोई रिश्क नहीं लेना चाहती है। जहां एक ओर विपक्ष सरकार को घेरने में लगी हुई है वहीं सरकार अपने को बचाने में लगी हुई है। रामविलास पासवान सरकार में प्रमुख घटक दल के रुप में शामिल हैं और इसी के तहत सरकार की ओर से दलितों के लिए बेटिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने बसपा प्रमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे दलितों की मसीहा बनती हैं लेकिन अब तक उत्तर प्रदेश में दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया जबकि कई बार वह मुख्यमंत्री भी रह चुही हैं।
अब तक सुप्रीम कोर्ट में एससी-एसटी वर्ग से एक भी जज नहीं, न्यायिक व्यवस्था में हो आरक्षण : पासवान
भारतीय न्यायिक व्यवस्था में भी हो आरक्षण
आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की 127 वीं जयंती के मौके पर बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि न्यायिक व्यवस्थाओं में भी आरक्षण होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अब तक सर्वोच्च न्यायालय में एक भी जज एससी-एसटी वर्ग से नहीं हुए है। तो ऐसे में कैसे दलित वर्ग न्याय की अपेक्षा कर सकता है। उन्होंने कहा कि हम दलितों के लिए हमेशा लड़ते रहे हैं और आगे उनके हितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।