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रिचा चड्ढा ने मोदी सरकार पर कसा तंज, ‘बेटी बचाओ’ नहीं, कहो ‘बेटी हम से ही बचाओ’

रिचा चड्डा ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके कहा है कि, ‘प्रिय सरकार, कृपा करके ‘बेटी बचाओ’ को बदलकर ‘बेटी हम से ही बचाओ’ कर दीजिए।

नई दिल्लीApr 10, 2018 / 10:02 pm

Siddharth chaurasia

richa chadda-pm modi

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने उन्नाव रेप केस मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके कहा है कि, ‘प्रिय सरकार, कृपा करके ‘बेटी बचाओ’ को बदलकर ‘बेटी हम से ही बचाओ’ कर दीजिए। आपके विधायक ही आपके नारे का मजाक बना रहे हैं। पीड़िता के पिता की जेल में हत्‍या कर दी गई? हिंदू होने का दावा न करें, क्‍योंकि आप महिलाओं को देवी की नजर से नहीं देखते हैं। ऐसे में अब इस पाखंड को बंद करें।’ बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब अभिनेत्री ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले भी उन्होंने राष्ट्रगान मामले में मोदी सरकार को घेरा था।

मोदी सरकार पर रिचा पहले भी दे चुकी है बयान
उन्‍होंने कहा था कि आज राज करने का तरीका है कोई भूखा हो तो उससे कहो राष्‍ट्रगान गाओ। रिचा ने उस वक्‍त कहा था कि लोकतंत्र का मतलब है कि आप जो चाहें, जहां चाहें और जैसे चाहें अपनी बात कह सकते हैं। इसमें सरकार आपके प्रति पूरी तरह से जवाबदेह रहेगी। अभिनेत्री ने कहा था कि वह लेफ्ट, राइट या सेंटर नहीं हैं। वह टैक्‍स भरती हैं और बदले में जवाबदेही चाहती हैं। उन्‍होंने लोगों के डरे होने की भी बात कही थी। साथ ही याद दिलाया था कि भारत में जनतंत्र है, यानी जनता का शासन।

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जानिए पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 4 जून 2017 को माखी थाना क्षेत्र के गांव से 17 साल की किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी किडनैप करके ले गए थे। पीड़िता की मां ने माखी थाने में तहरीर दी जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया। लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद पीड़िता ने 11 जून को 2017 को अदालत की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर अवधेश तिवारी, शुभम तिवारी व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन इसमें विधायक कुलदीप सिंह और आरोपी महिला का नाम नहीं था। लेकिन विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को केस वापिस लेने के लिए धमकाया और उनके साथ मारपीट की।

जब इस मामले में न्याय के लिए पीड़िता कोर्ट और पुलिस थाने के चक्कर काट-काटकर थक गई तो उसने अपने परिवार समेत सीएम आवास के पास आत्मदाह करने की कोशिश की। विधायक के भाई के दवाब के चलते पुलिस ने उल्टे पीड़िता के पिता को मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर ली। लेकिन कुछ ही समय बाद पीड़िता के पिता की मौत हो गई। इसके बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा। धीरे-धीरे इस मामले में राजनीतिक रंग भी मिल गया। अब इस मामले पर एसआईटी गठित की गई है।

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