महागठबंधन में शामिल होने के बाद सीपीआई ने कहा कि पार्टी कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान में उतारेगी और तेजस्वी के साथ मिलकर वह चुनाव प्रचार करेंगे। लेकिन आरजेडी यह बताने पर उतर आई है कि बिहार में सबसे बड़े नेता तेजस्वी यादव हैं। उनके सामने कन्हैया कुमार को कोई सियासी हैसियत नहीं है।
यूथ कांग्रेस का ‘रोजगार दो’ अभियान पर पोस्टर जारी, पवन खेड़ा बोले – मोदी को नहीं है बेरोजगारों की परवाह सीपीआई नेता विजय नारायण मिश्र ने कहा कि सीपीआई (CPI) ज्यादा से ज्यादा जगहों पर कन्हैया को उतारने की योजना पर काम कर रही है। इसके साथ ही यह भी रणनीति बना रही है कि तेजस्वी और कन्हैया दोनों मिलकर एक मंच से भी चुनाव प्रचार करें। ऐसा होता है तो बिहार को बदला जा सकता है। कन्हैया को लेकर तेजस्वी की क्या समझ है पता नहीं पर अगर साथ होकर प्रचार पर जोर दिया गया तो बड़ा बदलाव आएगा।
दूसरी तरफ आरजेडी के नेता खुलकर कन्हैया के साथ आने की बात पर परहेज करते दिखाई देते हैं। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी बिहार के सबसे बड़े नेता हैं। इस शर्त पर जो साथ आएगा आएगा उनका स्वागत होगा। वामदल के साथ गठबंधन है तो जो भी प्रचार में आएंगे। आरजेडी नेता के इस बयान से साफ है कि चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी एक ही मंच पर आने से बचेंगे।
Anna Hazare का दिल्ली सरकार के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने से इनकार, BJP की अपील ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ दोनों में जमीन आसमान का अंतर बता दें कि हाल ही वाम दलों और महागठबंधन के बीच मिलकर चुनाव लड़ने के मुद्दे पर सहमति बनी है। उसके बाद से इस बात की होने लगी कि क्या कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव ( Kanhaiya Kumar and Tejaswi Yadav ) अब एक मंच पर नजर आएंगे? माना जा रहा है कि दोनों युवा नेता के एक साथ एक मंच पर आने से बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ( Bihar Assembly Election 2020 ) परिणाम अलग आ सकता है। फिलहाल इस बात को लेकर सियासत जारी है। BJP और JDU ने भी यह कहना शुरू कर दिया है कि दोनों नेताओं में जमीन-आसमान का अंतर है।