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कोर्ट के शुल्क एवं स्टांप ड्यूटी खरीदे जा रहे हैं ऑनलाइन
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भ्रष्टाचार पर एक बयान जारी कर सफाई दी है। चंपत राय ने अपने बयान में कहा कि मंदिर परिसर को वास्तु अनुसार सुधारने, यात्रियों के लिए आने-जाने का रास्ता ठीक करने और मंदिर की सुरक्षा की दृष्टि से छोटे-बड़े मंदिरों और मकानों को पूर्ण सहमति से खरीदा गया था। उन्होंने कहा कि जमीन विक्रेता की सहमति लेने के बाद सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होते हैं। जमीन खरीदने में लगने वाले कोर्ट के शुल्क एवं स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन खरीदे जा रहे हैं। इतना ही नहीं जमीन की कुल कीमत विक्रेता के खाते में ऑनलाइन भेजी जाती है।
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राजनीति से प्रेरित और गुमराह करने वाले आरोप
चंपत राय ने कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते। उन्होंने कहा कि हम पर तो महात्मा गांधी की हत्या करने का आरोप भी लगाया गया था। हम इन आरोपों का अध्ययन करेंगे और उनकी जांच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक पार्टियों के कुछ लोग लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वे समाज को गुमराह करना चाह रहे हैं। इस मामले को उठाने वाले राजनीतिक लोग हैं इसलिए उनकी मंशा भी ठीक नहीं है।
2 करोड़ की जमीन को 18 करोड़ में खरीदने का लगा आरोप
आपको बता दें कि आप से राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने रविवार को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते है। आप प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए मुल्य की जमीन 18 करोड़ रुपए खरीदा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से इस मामले की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशायल से जांच कराने की मांग की है।