सीएम ने कहा, भोपाल में भी पॉजीटिव केस कम हुए हैं तो वहीं मरीजों के स्वास्थ्य होने का प्रतिशत भी बढ़ रहा है। उज्जैन के लिए हमने नई व्यवस्था बनाई है। वहां कलेक्टर को बदला है। कई जिले रेड या ओरेंज में थे जो अब ग्रीन में आ गए हैं। कुछ जिले बढ़े हैं, लेकिन सरकार कोरोना नियंत्रण में जुटी है।
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आईफा की तैयारी होती रही लेकिन कोराना से बचाव नहीं किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण जनवरी में ही फैलने लगा था, लेकिन पिछली सरकार ने समय रहते इससे बचाव के उपायों पर काम नहीं किया। आईफा की तैयारी होती रही लेकिन कोरोना की रोकथाम पर कोई काम नहीं हुआ। मुख्यमंत्री पद संभालने के साथ ही मैंने कोरोना की रोकथाम पर काम शुरू किया। जांच के लिए पूर्व में सिर्फ एक लैब थी, अब इनकी संख्या 14 हो गई हैं । यहां करीब 27०० जांचें हो रही हैं। जबकि पहले यही जांचों के लिए चेन्नई, कलकत्ता, पांडिचेरी सहित अन्य राज्येां में सेम्पल भेजे जाते थे। हालांकि उन्होंने कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है। हमें कोरोना पर विजय पाना है और जरूर सफल होंगे। इसी दिशा में काम हो रहा है।
हमें जीवन पद्धति बदलनी होगी, तभी विजय होगी
शिवराज ने कहा कि कोरोना वायरस का अभी कोई इलाज नहीं है। यह आसानी से समाप्त होने वाला नहीं है, इसलिए हमें जीवन पद्धति बदलना होगी। भीड़ एकत्रित न हो, शादी विवाह में भी कम से कम लोग जाएं। इससे बचाव ही इसका इलाज है।
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मैंने दिनचर्या बदली है
एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने का हर संभव प्रयास है, इसलिए मेरी दिनचर्या भी बदली है। सुबह साढ़े छह बजे से लोगों से फोन पर चर्चा करना शुरू किया हूं तो यह क्रम आठ-साढ़े आठ बजे तक चलता है। इसमें जनप्रतिनधि सहित अन्य वर्ग के लोग शामिल होते हैं। यहां से मिले फीडबैक के आधार पर काम करता हूं। मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान फील्ड के अफसरों से चर्चा।
मंत्रालय अफसरों के साथ बैठक के बाद जरूरी दिशा निर्देश देते हैं। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस कठिन समय उन्हें हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कोरोना योद्धाओं, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड व्याय सहित सभी का धन्यवाद देते हुए कहा कि वे बधाई के पात्र है कि इस कठिन समय में वे लोगों की सेवा में डटे हैं।