टीएमसी नेता चंदन मित्रा का बड़ा बयान, गठबंधन के जीतने पर क्षेत्रीय पार्टी का नेता बने देश का पीएम कांग्रेस ने लिखी चिट्ठी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के जल्दी चुनाव कराए जाने की योजना को कांग्रेस विफल करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को खत लिखा है। कांग्रेस ने तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख चीफ चंद्रशेखर राव की तरफ से नवंबर में चुनाव कराए जाने के बयान का चुनाव आयोग के सामने यह कहते हुए विरोध दर्ज कराया है कि चुनाव से पहले वोटिंग लिस्ट की जांच की जानी चाहिए। कांग्रेस ने आयोग को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि चुनाव से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वोटर लिस्ट में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत को ये पत्र कांग्रेस के लीगल सेल के चीफ और सीनियर अधिवक्ता विवेक तन्खा ने लिखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने आयोग को बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की मतदाता सूची में फर्जी वोटर्स जैसी तमाम गड़बड़ियां थीं। इन तीनों ही राज्यों में नवंबर में चुनाव हो सकते हैं और केसीआर चाहते हैं कि तेलंगाना के चुनाव भी इन राज्यों के साथ ही करा लिए जाएं। उन्होंने लिखा कि , ‘निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह तेलंगाना भी अगर मतदाता सूची में कुछ कमी है तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चुनाव में उतरने से पहले पूर्व सूची पूरी तरह से ठीक की जानी चाहिए। हमें उम्मीद और विश्वास है कि कानून के मुताबिक ऐसा किया जाएगा।’ गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी यह कह चुके हैं कि अभी तेलंगाना में 2018 की नई वोटर लिस्ट की जांच जारी है। जनवरी 2019 को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होनी है। तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी रजत कुमार का कहना है कि अगर ऐसे हालात बने, तो फिर चुनाव आयोग अंतिम फैसला लेगा। इधर कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि अधूरी वोटर लिस्ट के साथ अगर चुनाव में जाने का फैसला लिया जाता है, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
टीआरएस को मिली थी 90 सीट गौरतलब है कि विधानसभा भंग करने वाली सत्ताधारी पार्टी टीआरएस को 2014 में पृथक तेलंगाना राज्य बनने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में 90 सीटें मिली थीं। विधानसभा की कुल 119 सीटें हैं। टीआरएस के खिलाफ यहां विपक्ष को 29 सीटें मिली थीं। इनमें कांग्रेस को 13, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 7, भाजपा को 5, टीडीपी को 3 और सीपीएम को 1 सीटें प्राप्त हुई थीं।