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राजनीति

एनडीए 3.0 के मंत्रालयों के बंटवारे में ‘मोदी मिशन’ की छाप

– टॉप 4 गृह, रक्षा, विदेश और वित्त भाजपा ने रखा अपने पास
– 12 कैबिनेट और 8 राज्य मंत्री बचाने में सफल रहे पुराने अहम मंत्रालय
– देश के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े रेल, ट्रांसपोर्ट और विचारधारा में अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षा मंत्रालय पर भी भाजपा ने नहीं किया समझौता
भाजपा के शीर्ष नेता राजनाथ सिंह, अमित शाह, गडकरी, गोयल, प्रधान, जयशंकर और निर्मला पुराने मंत्रालय ही चलाएंगे

नई दिल्लीJun 11, 2024 / 05:39 pm

Navneet Mishra

नवनीत मिश्र

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की तीसरी सरकार में शपथ लेने के अगले ही दिन सोमवार को 71 सहयोगियों में मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया। सूची से स्पष्ट है कि मंत्रालयों के बंटवारे में ‘मोदी मिशन’ की छाप है। देश की बाह्य और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सीसीएस में शामिल टॉप 4 मंत्रालय हों या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने वाले रेल, आईटी, सड़क परिवहन और नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने की बड़ी योजना वाला शिक्षा मंत्रालय, सभी अपने पास रखने में भाजपा सफल हुई है। ये वो मंत्रालय हैं, जिनके लिए मोदी ने पहले ही 100 दिनों का एजेंडा तैयार हुआ था। मोदी के मास्टर प्लान में इन मंत्रालयों में आगामी समय कई बड़ी परियोजनाएं शुरू करने की तैयारी है। जिस तरह से सहयोगी दलों के 11 मंत्रियों को विभाग मिले हैं, उससे स्पष्ट है कि भाजपा नेतृत्व किसी तरह की प्रेशर पॉलिटिक्स में नहीं आया। दो प्रमुख सहयोगियों टीडीपी को नागरिक उड्डयन और जदयू को ग्रामीण विकास और पंचायतीराज जैसे दो अहम मंत्रालय ही मिले हैं।

12 कैबिनेट मंत्रियों को पुराने मंत्रालय

 एनडीए की तीसरी सरकार में 12 कैबिनेट सहित कुल 20 मंत्रियों को पुराने मंत्रालय मिले हैं। इसमें टॉप 4 में शामिल राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण को पुरानी जिम्मेदारी फिर से मिली है। ये सभी नेता पहले की तरह रक्षा, गृह, विदेश और वित्त मंत्रालय चलाएंगे। इसके अलावा देश में सड़कों पर शानदार कार्य का गडकरी को इनाम देते हुए फिर से उन्हें पुराना मंत्रालय मिला है। धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी को भी क्रमशः शिक्षा, वाणिज्य और पेट्रोलियम मंत्रालय की पुरानी जिम्मेदारी मिली है।

अश्विनी वैष्णव का कद बढ़ा

आइआइटियन और आइएएस रह चुके अश्विनी वैष्णव का नई सरकार में कद बढ़ा है। पिछली सरकार में रेल और आईटी जैसे दो बड़े मंत्रालय देख रहे वैष्णव को इस बार तीसरी बड़ा सूचना एवं प्रसारण जैसा मंत्रालय भी मिला है। इस सरकार में तीनों बड़े मंत्रालय वैष्णव को देकर प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सरकार में बहुत उपयोगी होने का संदेश दिया है। माना जा रहा है कि जिस तरह से वैष्णव ने मिशन मोड में पिछली सरकार में रेल और आईटी मिनिस्ट्री में कार्य किया, उसका यह इनाम है।

शेखावत सहित कई के मंत्रालय बदले

राजस्थान के जोधपुर से सांसद और कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बेहद अहम जलशक्ति मंत्रालय छिन गया और यह जिम्मेदारी गुजरात से पहली बार केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल को मिला है। भूपेंद्र यादव के पास वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बरकरार है, लेकिन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय मनसुख मंडाविया को दिया गया है। पिछली बार स्वास्थ्य मंत्रालय देख रहे मंडाविया से यह जिम्मेदारी लेकर जेपी नड्डा को दी गई है। नड्डा मोदी 1.0 में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। पिछली बार नागरिक उड़्यन मंत्री रहे सिंधिया को इस बार दूरसंचार मंत्रालय की कमान मिली है तो ग्रामीण विकास मंत्री रहे गिरिराज सिंह को टेक्सटाइल मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी मिली है। प्रह्लाद जोशी से कोयला और खनन मंत्रालय लेकर जी किशन रेड्डी को दिया गया है। प्रहलाद जोशी को खाद्य एवं उपभोक्ता के साथ नवीन और नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय मिला है।

सहयोगी दलों को मिला मंत्रालय

जदयू कोटा: कैबिनेट मंत्री राजीव रंजन सिंह- पंचायतीराज के साथ मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर- कृषि मंत्रालय

लोजपा कोटा:- कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय
टीडीपी कोटा:- कैबिनेट मंत्री के राममोहन नायडू- नागरिक उड्डयन मंत्रालय
राज्य मंत्री डॉ चंद्रशेखर पेम्मासानी- ग्रामीण विकास एवं दूरसंचार
जेडीएस को क्या मिला:- कैबिनेट मंत्री एचडी कुमारस्वामी- भारी उद्योग और इस्पात मंत्रालय
हम पार्टी(बिहार):- कैबिनेट मंत्री जीतनराम मांझी- एमएसएमई
शिवसेना को क्या मिला:- प्रताप राव जाधव- आयुष मंत्रालय(स्वतंत्र प्रभार) और हेल्थ मिनिस्ट्री
रालोद कोटा:- जयंत चौधरी- स्किल डेवलपमेंट(स्वतंत्र प्रभार), शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
अपना दल(एस):- अनुप्रिया पटेल- हेल्थ, केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स
आरपीआई:- राज्य मंत्री- रामदास आठवले- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

राजस्थान से जुड़े 5 मंत्रियों को क्या मिला?

  • कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत- संस्कृति एवं पर्यटन
  • कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव- वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
  • अश्विनी वैष्णव- रेल, आईटी, सूचना प्रसारण
  • अर्जुन मेघवाल- कानून मंत्री( स्वतंत्र प्रभार)
  • भागीरथ चौधरी- कृषि राज्य मंत्री

एमपी से जुड़े 4 मंत्रियों को क्या मिला

  • शिवराज सिंह चौहान- कृषि और ग्रामीण विकास
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया- दूरसंचार और मिनिस्ट्री फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ नार्थ ईस्टर्न रीजन
  • डॉ. वीरेंद्र कुमार- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
  • राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर- महिला एवं बाल विकास

चुनावी राज्यों को मिली तवज्जो

महाराष्ट्र, बिहार और हरियाणा जैसे प्रमुख चुनावी राज्यों में मंत्री बनाने और मंत्रिमंडल  बंटवारे में तवज्जो मिली है। मिसाल के तौर पर बिहार को देखें तो यहां लोकसभा चुनाव में पिछली बार से 9 सीटें घट गईं, लेकिन मोदी सरकार में भागीदारी बढ़ा दी गई। पिछली बार 5 मंत्री थे, इस बार 8 मंत्री बनाए गए। बिहार के खाते में पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण जैसे मंत्रालयों की कमान मिली है तो गृह मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, कोयला और खनन मिनिस्ट्री में भी एक – एक पद राज्य मंत्री का मिला है। हरियाणा में भी चुनाव है। यहां 5 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 3 केंद्रीय मंत्री बना दिए हैं। कैबिनेट मंत्री बने पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर को ऊर्जा के साथ शहरी विकास जैसे दो बड़े मंत्रालय तो तो राव इंद्रजीत सिंह को सांख्यिकी मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला है। चुनावी राज्य महाराष्ट्र से आने वाले नितिन गडकरी और पीयूष गोयल को सड़क परिवहन और कॉमर्स एंड इंडस्ट्री जैसे बड़े मंत्रालय मिले हैं तो शिवसेना कोटे से प्रताप जाधव को आयुष मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार, सहयोगी दल आरपीआई कोटे के मंत्री रामदास आठवले को सोशल जस्टिस मिनिस्ट्री में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली है। रक्षा खडसे को खेल कूद मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया है

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