भाजपा की तेजतर्रार नेता उमा भारती ने कहा कि वे झांसीवासियों के स्नेह और प्यार की कर्जदार हैं। मैं एक सक्रिय राजनेता के रूप में भले ही न सही लेकिन झांसी के लोगों के लिए हमेशा काम करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के जब दो सांसद थे, तब से लेकर अब तक पार्टी के लिए काम कर रही हूं। पार्टी के लिए बहुत मेहनत की है। हालांकि हमारी उम्र बहुत ज्यादा नहीं हुआ है लेकिन इस उम्र में शरीर जवाब दे गया है। तबीयत ठीक रही तो पार्टी के लिए प्रचार और काम करती रहूंगी। उमा भारती ने कहा कि सांसद की हैसियत से संतुष्ट नहीं हूं, मंत्री की हैसियत से संतुष्ट हूं। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि चुनाव न लड़ने के पीछे वो भले ही स्वास्थ्य का हवाला दे रही हैं पर गंगा मंत्रालय हाथ से निकलने का पछतावा उन्हें आज भी है। इससे दूर होने से उन्हें भावनात्मक रूप से मलाल आज भी है।
उमा भारती टीकमगढ़ मध्य प्रदेश में हुआ था। उनकी उम्र 58 साल है। वर्तमान में वो भारत की जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री हैं। वे मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी है। उन्हें ग्वालियर की महारानी विजयराजे सिंधिया ने राजनीति में उभारा था। साध्वी ऋतंरा के साथ उन्होंने राम जन्मभूमि आन्दोलन में प्रमुख भूमिका निभाई। इस दौरान उनका नारा था श्री रामलला घर आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे। वह 1984 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ी और हार गईं। 1989 लोकसभा चुनव में वह खजुराहो संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। उसके बाद 1991, 1996, 1998 में इसी सीट से जीतती रहीं। 1999 में वह भोपाल सीट से सांसद चुनी गईं। वाजपेयी सरकार में वह मानव संसाधन विकास, पर्यटन, युवा मामले एवं खेल और अंत में कोयला और खदान जैसे विभिन्न राज्य स्तरीय और कैबिनेट स्तर के विभागों में कार्य किया। 2003 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में उनके नेतृत्व में भाजपा ने तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया और मुख्यमंत्री बनीं। अगस्त 2004 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जब उनके खिलाफ 1994 के हुबली दंगों के संबंध में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ।