LIVE UPDATES- – 3:50 PM एआईएडीएमके ने बिल का विरोध किया। एआईएडीएमके के सांसद ए. नवनीतकृष्णनन ने बिल को असंवैधानिक बताया – 3:38 PM नौकरियों में आरक्षण में कोई महत्तवपूर्ण बात नहीं रह गई है, क्योंकि नौकरियां रह नहीं गई हैं। नौकरियां नहीं होंगी तो आरक्षण का क्या मतलब। पहले मजदूर नहीं मिलते थे। यादव ने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ के खिलाफ है और कोर्ट इसे अपहोल्ड भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि नौकरियां हैं नहीं ऐसे में कुछ बाद आरक्षण की बात भी बेमानी हो जाएगी। यादव ने कहा कि सरकार को निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि सरकार क्षेत्र में ठेके पर काम हो रहा है, नौकरियां लगातार घट रही हैं। 98 प्रतिशत गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण और 2 प्रतिशत अमीर लोगों को 40 फीसदी आरक्षण देने की बात को जरा समझाइए। अगर आप समता के अधिकार की बात करते हैं तो बताइए कहां है समता अधिकार? । उन्होंने आगे कहा कि अगर आप ने आरक्षण के 50 % बैरियर को तोड़ दिया है तो मैं सरकार से मांग करता हूं इस देश को ओबीसी को 54% आरक्षण की मांग करता हूं। उनको उनकी आबादी के आधा आरक्षण मिलना चाहिए। मैं इस विधेयक का समर्थन करता हूं।
– 3:10 PM समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने भी सरकार के बिल लाने की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस बिल का निशाना 2019 का चुनाव है। अगर आप के दिल में ईमानदारी होती तो यह बिल दो-चार साल पहले आ सकता था। इससे लोगों को फायदा मिलता
– 3:00 PM कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि आप की सोच (भाजपा) तो आरक्षण के पक्ष में नहीं है। आप के बड़े नेताओं ने आरक्षण की सोच का विरोध किया। इस विषय में देश में व्यापक चर्चा होनी चाहिए। नौजवान आप से हिसाब मांगेगा। सरकार राजनीति कर रही है। अगर आपने अच्छे दिन दे दिए होते तो यह बिल कभी ना लाते। आपकी सरकार ने देश के नौजवान और किसानों के साथ वादाखिलाफी की।
– 2:40 PM कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि 2014 में देश को सब्ज बहार दिखाए गए। अच्छे दिन कब आएँगे। देश को अच्छे दिन का इंतजार है। कहते हैं कि after high tide there is low tide। हमारा विश्वास प्रजातंत्र में है। हम आरक्षण का समर्थन करते हैं। क्या बात हुई ऐसी जो एकदम से बिल को लाया गया। 4 साल सात महीने से क्या हो गया था। सरकार आखिरी सत्र में बिल क्यों लाई। 5-0 से वो (भाजपा की हाल ही में हुए पांच विधानसभा चुनावों में हार मिली) सीरीज हार गए। कुछ महीने में सरकार जाने वाली है।
– सीपीएम सांसद ने नियम 117 के तहत आरक्षण बिल पर चर्चा को स्थगित करने की मांग की। उपसभापति ने बताया कि सभापति ने सांसद की इस मांग को खारिज कर दिया है और चर्चा खत्म नहीं की जा सकती।
– 2:34 PM भाजपा सांसद प्रभात झा ने बिल पर बोलते हुए कहा कि बिल से देश की 95% लोगों को लाभ होगा, क्या पीएम मोदी 95% लोगों की आवाज नहीं सुनते। सिर्फ 5 % परिवार ही आरक्षण बिल के दायरे से बाहर होंगे। यह बिल नहीं युवाओं की भावना की आवाज है। कांग्रेस आज उदार राजनीति का उदारण पेश करे। कांग्रेस दिल बड़ा करे।
– 2:00 PM बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। बिल पर बहस करते हुए भाजपा के प्रभात झा ने कहा कि सामान्य वर्ग के करीब लोग अक्सर यह चर्चा करते हैं कि आरक्षण कब मिलेगा। मैं बधाई देना चाहता हूं चाय बेचने वाले परिवार से आने वाले पिछड़े समाज से आने वाले नरेंद्र मोदी का, जो यह बिल लेकर आए। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए चुनौती दी कि रफाल पर बोलने वाले राहुल इस बिल पर क्यों नहीं बोलने आते हैं।
– आनंद शर्मा ने राज्यसभा में राहुल गांधी का नाम लेने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि दूसरे सदन के सदस्य की आलोचना राज्यसभा में नहीं हो सकती। राहुल गांधी के बारे में जो प्रभात झा ने कहा है वह सदन की कार्यवाही से निकाला जाएगा। इस उपसभापति ने कहा कि ऐसा नियम है तो हम देखेंगे।
– 2:00 PM सदन की कार्यवाही शुरू, आठ घंटे बिल पर बहस होगी। – 12: 37 PM सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित – 12:22 PM विपक्ष का हंगामा जारी, थावर चंद गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बिल के बारे में बता रहे हैं। यह बिल आर्थिक आधार पर आरक्षण देगा।
– 12:06 PM दो बजे के बाद बिल पर होगी बहस – 12:04 PM बजे राज्यसभा में थावर चंद गहलोत ने पेश किया बिल, गहलोत ने बिल को ऐतिहासिक बताया – 12:00 PM बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू, सवर्णों को आरक्षण को लेकर पेश हुआ बिल।
बिल पेश सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि यह बिल आर्थिक आधार पर आरक्षण देगा। बिल पास होने से अमीरी और गरीबी के बीच खाई कम होगी। थावर चंद गहलोत ने बिल के बारे में बताते हुए कहा कि इस बिल से लाखों-करोड़ों सामान्य वर्ग के गरीबों का सशक्तिकरण होगा और विचार-विमर्श के बाद ही यह बिल लाने का फैसला लिया है। मंत्री के भाषण के बीच कांग्रेस के सांसद वेल में आतर नारेबाजी करते रहे।
– आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि यह मध्य रात्रि की डकैती है और हम इस बिल का विरोध करते हैं. ओबीसी और एससी की आबादी पर चुप्पी है और संविधान के बुनियादी ढांचे के साथ छेड़छाड़ हो रही है
– कनिमोझी ने कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा के बगैर इस बिल पर चर्चा नहीं की जा सकती। – बीजेपी के सांसद प्रभात झा ने बिल पर कहा कि लोकसभा से इस बिल को एक सुर में पास किया गया है और उम्मीद है कि राज्यसभा से भी यह बिल पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब सामान्य वर्ग के लोगों के आरक्षण मिलने जा रहा है जिसकी मांग कई साल से की जा रही थी।
विपक्ष का हंगामा बुधवार को संसद के उच्च सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष हंगामा शुरू कर दिया। शीतकालीन सत्र को एक दिन बढ़ाए जाने पर विपक्ष ने सवाल उठाया है। हंगामे की वजह से 11:34 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। इससे पहले सदन में टीएमसी सांसद सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि सदस्यों को पहले से इसकी जानकारी नहीं दी गई। सांसद ने कहा कि रात के अंधेरे में बुलटिन जारी कर सदन एक दिन के लिए बढ़ाया गया और यह पूरी तरह असंवैधानिक है। इसके जवाब में संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय ने कहा कि आपको इसकी तारीफ करनी चाहिए क्योंकि सरकार काम करने के लिए एक दिन सदन को बढ़ा रही है। कई अहम बिल लंबित है और सरकार उसे पारित कराना चाहती है। वहीं कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि बिना आम सहमति के सदन एक दिन के लिए बढ़ाया गया है। बिजनेस एडवाइडरी में भी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ, सदन न चलने के लिए सरकार जिम्मेदार है, सरकार को विपक्ष से बात करनी चाहिए। सरकार के काम है कि वो विपक्ष के मुद्दों को सुने और सदन चलाने का काम उनका है। शर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर आज जल रहा है, जब तक राजनाथ सिंह जवाब नहीं देते तब तक कोई बिल सदन में नहीं लाया जाएगा। वहीं राज्यसभा में नेता सदन अरुण जेटली ने अहम विधेयकों के लिए सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है और विपक्षी दलों के सरकार का साथ देकर विधायी कामकाज पूरा कराना चाहिए।
उपसभापति ने मानी निजी गलती सदन की बैठक एक दिन बढ़ाने पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सभापति के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद सत्र बढ़ाने का फैसला लिया गया। साथ ही बीएसी की बैठक में भी इसकी जानकारी दी गई। हरिवंश ने कहा कि मुझे लगा कि सभी को सदन एक दिन बढ़ाए जाने की जानकारी है इसी कारण मैंने कल सदन को आज सुबह 11 बजे कर के लिए स्थगित कर दिया था। अगर यह चूक है तो यह मेरी निजी गलती है।