सीएम सिद्धारमैया द्वारा एक और सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लेने के बाद से इस तरह की खबरों को बल मिला है। इसके पीछे कहा जा रहा है कि जैसे ही चामुंडेश्वरी से भाजपा ने वोकालिगा उच्च जाति के उम्मीदवार को बदलकर एक कमजोर उम्मीदवार को मैदान में उतारा उसके बाद से सिद्धारमैया की चिंता बढ़ गई। उनके कार्यकर्ताओं ने इस बात को हवा दी कि लगता है कि भाजपा ने जेडीएस प्रत्याशी कुमार स्वामी और पूर्व पीएम के बेटे को जिताने की के लिए ऐसा किया है। इस तरह कुछ अन्य सीटों पर भाजपा और जेडीएस ने प्रत्याशियों को बदलने का काम किया है। हालांकि जेडीएस और भाजपा ने ऐसी किसी सहमति से इनकार किया है। इसके बाद सीएम सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी के साथ-साथ बागलकोटे जिले की बादामी सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरा है। ऐसा उन्होंने अपने करीबियों से सलाह मशविरे के बाद किया है। बादामी से कांग्रेस के वर्तमान विधायक बीबी चिम्मानाकट्टी की तबीयत ठीक नहीं है और पार्टी ने उनसे कह दिया है कि सिद्धारमैया के लिए वो सीट खाली कर दें। उन्होंने इस बात को मान भी लिया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस बार चामुंडेश्वरी सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया था। इस सीट से वो सात बार चुनाव लड़ चुके हैं और पांच बार उन्हें जीत मिली। लेकिन नामांकन के अंतिम समय में उन्होंने बादामी सीट से भी चुनाव लड़ने का मन बनाया। इसके लिए उन्होंने पार्टी के विधायक से सीट खाली करा और अब वहां से भी चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसा उन्होंने भाजपा और जेडीएस की डील की संभावनाओं के मद्देनजर करीबियों की तरफ से सलाह मिलने के बाद किया है। करीबियों ने बताया है कि वो सिर्फ चामुंडेश्वरी सीट के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। इसके बाद ही उन्होंने बैक-अप के लिए बादामी सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया। उनके इस निर्णय के बाद से भाजपा और जेडीएस प्रत्याशी चामुंडेश्वरी सीट पर आक्रामक हो गए हैं और सीएम को कायर प्रत्याशी बताने में लग गए हैं। दोनों पार्टियों के समर्थकों ने तो उनका नाम भी रणछोड़ दास रख दिया है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर जी परमेश्वर के भी दो सीटों से चुनाव लड़ने की संभावना है। पिछली बार वह 30 हजार से अधिक वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। संभावना है कि वह तुमकुर जिले की कोराटागेरे और बेंगलुरु की पुलिकेशिनगर से भी वो चुनाव लड़ सकते हैं।
फेंडली फाइट
कर्नाटक में भाजपा-जेडीएस के बीच गोपनीय सहमति को लेकर सवाल उठाने के पीछे मुख्य वजह केआर नगर, पेरियापटना, हुंसूर, एचडी कोटे और चामराजा जैसी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों का बदलना है। इसके बाद से ही कांग्रेस नेता दोनों दलों पर गोपनीय सहमति के आधार पर चुनाव लड़ने का अरोप लगाने लगे हैं। कथित समझौते की कहानी को तब और बल मिला जब भाजपा ने बीवाई विजेंद्र जैसे मजबूत कार्यकर्ता को वरुणा विधानसभा सीट से उम्मीदवार नहीं बनाया। जबकि उनको उम्मीदवार न बनाए जाने की घोषणा उनके पिता और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने की थी।