मातृृ-शिशु स्वास्थ्य की देखभाल में कोताही नहीं बरतें
महिला और नवजात को अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिलना उनका अधिकार है। इससे लेट-लतीफी करना, कोताही बरतना मतलब उनके अधिकार से वंचित रखना है। इस प्रकार की शिकायत चिकित्सालयों में आती है तो संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
प्रतापगढ़. महिला और नवजात को अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिलना उनका अधिकार है। इससे लेट-लतीफी करना, कोताही बरतना मतलब उनके अधिकार से वंचित रखना है। इस प्रकार की शिकायत चिकित्सालयों में आती है तो संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
ये बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीवराज मीणा ने शुक्रवार को कही। डॉ. मीणा यहां जिला चिकित्सालय में आरसीएच कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक ले रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने मातृ शिशु इकाई में नवजात और प्रसूताओं के भर्ती होने संबंधी आकंड़ों और उपचार के बारे में जानकारी ली। लेबर रूम, बिल्डिंग एवं उपकरणों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि गर्मी को देखते हुए अस्पताल में नवजात और प्रसूताओं के लिए कूलर एवं शीतल जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए उन्होंने अस्पताल के पीएमओ डॉ. ओपी दायमा को इस संबंध में त्वरित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा।
आरसीएचओ डॉ. जगदीप खराड़ी ने आरसीएच कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक का मूल उद्देश्य और राज्य सरकार की मंशा के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने लेबर रूम के प्रोटोकॉल, लक्ष्य, मुस्कान, क्वालिटी एश्योरेंश इत्यादि कार्यक्रमों द्वारा आरसीएच कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करने की बात कहीं।
बैठक में अस्पताल में आरसीएच सुविधाओं के विस्तार के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरज सेन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. लखपत मीणा के इस संबंध में आवश्यक सुझाव और कार्ययोजना पर चर्चा हुई। मरीजों को समयबद्ध उपचार की बात, आरसीएच कमेटी के इस माह के लिए गए प्रस्तावों पर अगली माह की कार्ययोजना के साथ प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही।
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