scriptमंदिरों में हवन, हुए रावण के दहन | Havan in temples, burning of Ravana | Patrika News

मंदिरों में हवन, हुए रावण के दहन

locationप्रतापगढ़Published: Oct 27, 2020 05:24:55 pm

Submitted by:

Devishankar Suthar

प्रतापगढ़. जिले में रामनवमी और दाहशर का पर्व मनाया गया। इस दौरान मंदिरों में हवन किए गए। वहीं कई जगह रावण के पुतलों का दहन किया गया। वहीं दूसरी ओर निकटवर्ती झांसड़ी गांव में विद्यालय के पास रावण के प्रतीक के रूप में सीमेंट के स्टेच्यू पर नाक काटने की परम्परा निभाई गई।

मंदिरों में हवन, हुए रावण के दहन

मंदिरों में हवन, हुए रावण के दहन

नवरात्र की पूर्णाहुति पर हुए हवन
-बाणमाता मंदिर में लगाया चौंसठ योगीनियों को भोग
प्रतापगढ़. जिले में रामनवमी और दाहशर का पर्व मनाया गया। इस दौरान मंदिरों में हवन किए गए। वहीं कई जगह रावण के पुतलों का दहन किया गया। वहीं दूसरी ओर निकटवर्ती झांसड़ी गांव में विद्यालय के पास रावण के प्रतीक के रूप में सीमेंट के स्टेच्यू पर नाक काटने की परम्परा निभाई गई। संचई के शिवसिंह, अर्जुनसिंह, हर्षसिंह ने बताया कि कोरोना के कारण अल्प समय के लिए यह आयोजन किया गया। तलवार से रावण के नाभी में वार किया और नाक काटी गई। इस मौके पर कई गांवों से लोगों ने भाग लिया।रामनवमी के मौके पर शहर के प्रमुख बाणमाता मंदिर में माता का आकर्षक श्रंगार किया गया। इस दौरान चौंसठ योगीनियों के लिए विशेष नैवेद्य चढ़ाते हुए 64 दीपक से आरती की गई। रामनवमी के मौके पर माता के मंदिरों पर आज विभिन्न आयोजन किए गए। शहर के बाणमाता मंदिर में चौसठ योगीनियों के लिए विशेष नैवेद्य चढ़ाया गया। मंदिर पुुजारी मोहनलाल त्रिवेदी ने बताया कि बाणेश्वरी माता के साथ नैवेद्य चढ़ाने का यहां पर विशिष्ट आयोजन होता है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। रामनवमी के मौके पर वर्ष में एक बार माता के अवतार के रूप में पहचाने जाने वाली चौसठ योगीनियो की विशेष आरती भी इस दौरान की गई। मां बाणेश्वरी के इस मंदिर में प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है।
छोटीसादड़ी। शहर में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाया गया। हालांकि इस बार दशानन के दहन पर कोराना का साया नजर आया। नगरपालिका द्वारा प्रतिवर्ष बनाए जाने वाले रावण का पुतला नहीं बनाया गया। पहली बार दशहरा पर शहर के दशहरा मैदान में सामूहिक रावण दहन का आयोजन नहीं हुआ। लोगों ने इस बार मंदिरों में श्रीराम दरबार की पूजा-अर्चना कर परंपरा का निर्वहन किया। रावण दहन की परंपरा शहर में निभाई गई। युवाओं और बच्चों ने घरों के बाहर ही छोटे-छोटे रावण के पुतलों का दहन किया। इस दौरान आतिशबाजी भी की। रावण का पुतला बनाने वाले युवाओं ने कुछ रावण के पुतलों को कोरोना का रूप भी दिया। रावण दहन के साथ ही कोरोना मुक्ति की प्रार्थना की गई। बच्चों ने रावण के पुतलों को मास्क भी पहनाए। हलवाई गली के श्रीराम मंदिर में विजयादशमी पूजन के आयोजन हुए। भगवान राम का माल्यार्पण कर तिलक पूजन हुआ। शस्त्र पूजन के साथ ही युवाओं व बालकों ने मन्दिर के बाहर रावण पुतले का दहन किया गया। बच्चों ने श्रीराम व लक्ष्मण स्वरूप में बाण चलाकर का दहन किया। इसके बाद राम मंदिर परिसर में श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ।
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