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प्रतापगढ़

जलाशयों में पूजा अर्चना, किया श्रावणी उपाकर्म

Worship in the reservoirs, performed Shravani, Upakarma

प्रतापगढ़Aug 12, 2022 / 08:38 am

Devishankar Suthar

जलाशयों में पूजा अर्चना, किया श्रावणी उपाकर्म

जलाशयों में पूजा अर्चना, किया श्रावणी उपाकर्म


प्रतापगढ़. जिले में गुरुवार को सावन के पूर्णिमा पर श्रावणी उपाकर्म किए गए। इस दौरान जिले के गांवों में पंडित हीरालाल शर्मा जोशीजी की सेमली एवं पंडित बालाराम शर्मा अवलेश्वर की ओर से शुरू की गई परंपरा का निर्वहन किया गया। इस दौरान गांव अवलेश्वर, बजरंगगढ़, सेमली, मोखमपुरा, घोटारसी एवं नाथूखेड़ी गांवों में श्रद्धालुओं की ओर से पूर्णिमा पर श्रावणी उपाकर्म किए गए। इसका आयोजन घोटारसी भैरवनाथ मंदिर पर पंडित बालकिशन जोशी के सान्निध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा हिमाद्रि स्नान, पितरों को तर्पण के तत्पश्चात हवन, महा आरती कर आह्वान किया गया। सभी देवता एवं भैरवनाथ से अच्छी वर्षा की कामना के साथ क्षेत्र में सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की गई।
छोटीसादड़ी. श्रावणी उपाकर्म वैदिक परम्परा का पालन करने वालों का प्रमुख पर्व मनाया जाता है। रक्षाबंधन के पावन त्योहार पर वैदिक परम्परा को निभाते हुए श्रावणी उपाकर्म का आयोजन किया गया। राजस्थान ब्राहमण महासभा के कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेंद्र कुमार औदिच्य, तहसील अध्यक्ष गोपाललाल शर्मा, पार्षद पुरुषोत्तम उपाध्याय के संयुक्त तत्वावधान में भंवर माता में वर्षों से चली आ रही पुरानी परंपरा के तहत आयोजन किया गया।
श्रावणी उपकर्म कोरोना के चलते पिछले कुछ वर्षों से बंद हो गया था। पंडित भोपराज शर्मा, सुनील शर्मा, दिनेश शर्मा ने विधि-विधान से वैदिक मंत्रो के उच्चारण के साथ गो मूत्र, गो गोमय, गोघृत, पंच गव्य एवं संकल्प विधि के साथ श्रावणी उपकर्म करवाया। भंवर माता की पूजा अर्चना की और महादेव का अभिषेक किया। यज्ञ करके सभी ने अपनी पुरानी जनेऊ उतारकर नवीन जनेऊ धारण की।

प्रतापगढ़. श्रावण मास में चल रहे अनुष्ठान के अंतिम दिवस पर गुरुवार को गुरुकुल के बटुकों द्वारा प्रतिदिन पार्थिव शिवङ्क्षलग का निर्माण कर पूजन अभिषेक किया। श्री ब्रह्म ज्योति संस्थान के प्रवक्ता दीपेश आमेटा ने बताया कि श्रावण मास गुरुकुल में चल रहे अनुष्ठान के अंतिम दिवस पर गुरुकुल के बटुकों द्वारा प्रात: पूजन अभिषेक के पश्चात शिव पंचाक्षरी मंत्र के सवा लाख जप किए गए। श्रावण मास में प्रतिदिन सवा लाख पंचाक्षरी मंत्र के जप एवं एक हजार पार्थेश्वर शिवङ्क्षलग का निर्माण किया। इस दौरान पूजन अर्चन कर विसर्जन किया गया। पूरे श्रावण मास में 35 लाख जप व 30 हजार पार्थेश्वर शिवङ्क्षलग का निर्माण किया गया। अंतिम दिवस पर संस्थान के संयोजक प्रद्युमन शर्मा द्वारा महा आरती कर अनुष्ठान संपन्न किया गया।

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