scriptइलाहाबाद विश्वविद्यालय का 133वां स्थापना दिवस संपन्न, हुआ भव्य समारोह | 133rd Foundation Day of Allahabad University concluded | Patrika News
प्रयागराज

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 133वां स्थापना दिवस संपन्न, हुआ भव्य समारोह

शिक्षकों से अपील राजनीति, विचारधारा से परे होकर इस विवि की गौरवमयी इतिहास को बरकरार रखने में अपना योगदान दें

प्रयागराजSep 23, 2019 / 07:03 pm

प्रसून पांडे

133rd Foundation Day of Allahabad University concluded

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 133वां स्थापना दिवस संपन्न,हुआ भव्य समारोह

प्रयागराज । इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 133वां स्थापना दिवस सोमवार को संपन्न हुआ। इस दौरान विवि के एतिहासिक सीनेट हाल में भव्य समारोह का आयोजन हुआ हुआ जिसमे बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र शामिल हुए ।

इसे भी पढ़े- छात्र संघ चुनाव के लिए यूपी के इस सबसे पुराने विश्वविद्यालय में शुरू हुई भूख हड़ताल ,49 दिन से चल रहा आंदोलन

सीनेट हाॅल में हो रहे स्थापना दिवस कार्यक्रम को संपन्न कराया गया। मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्रा ने मंच से तमाम प्रोफेसर्स व कुलपतियों को याद किया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लिए जो भी कहा जाए वह कम है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षा पाने वाला छात्र सिर्फ जानकार ही नहीं होता उसके अंदर चरित्र ज्ञान और आचरण का स्वभाव खुद ही झलकता रहता है। उन्होंने कहा कि गंगा-यमुना-सरस्वती के त्रिवेणी की इस पावन धरती पर आने वाले लोगों को गंगा और यमुना का दर्शन होता है लेकिन जो अदृश्य सरस्वती है वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित है। यह विवि विज्ञान-साहित्य-कला की वो माटी है जिसने अनेक महान लोगों को गढ़ा है। उन्होंने 1857 की क्रांति को भी याद किया और कहा कि उस दौरान यह शहर क्रांति का केंद्र बिंदु था। यहां पर पंडित मोतीलाल नेहरू जैसे अनेक महान क्रांतिकारी हुए जिन्होंने अमिट छाप छोड़ी।

उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे महान गणितज्ञ डॉक्टर गोरख प्रसाद और डॉक्टर हरिश्चंद्र को याद करते हुए कहा कि कोई कितना भी विकास कर ले, कहीं पहुंच जाए लेकिन जब गणित की बात होगी तो इनको भुलाया नहीं जा सकता। राजस्थान के राज्यपाल आरएसएस व बीजेपी से जुड़े रहे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह रज्जू भैया और डॉ. मुरली मनोहर जोशी को भी मंच से याद किया। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद की यह धरती विशिष्ट व्यक्तियों की धरती है। भगवान ने भी यहां अमृत को छलकाया था जिसका रसपान करने आज भी दुनिया यहां एकत्रित होती है।

महामहीम राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिक्षकों से अपील की कि वह राजनीति, विचारधारा से परे होकर इस विवि की गौरवमयी इतिहास को बरकरार रखने में अपना योगदान दें और इसे ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सदर सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने अपने अतीत को याद करते हुए विश्वविद्यालय की माटी को नमन किया। उन्होंने कहा कि 37 वर्षों तक विश्वविद्यालय से मेरा सरोकार रहा। मैं 4 वर्ष यहां की विद्यार्थी रही और 33 वर्ष यहां पर मैं शिक्षिका के तौर पर कार्यरत रही। उन्होंने कहा कि मूर्धन्य विद्वानों की धरती है। यहां प्रवेश करते ही आप के अंदर ऊर्जा आती है। इसे यहां पढने वाला छात्र और शिक्षक महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को इसकी असीम ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए आज की पीढ़ी पर जिम्मेदारी है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब वह समय नहीं है कि आप विश्वविद्यालय में राजनीति करके किसी को ऊंचा नीचा दिखाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जिसे राजनीति करनी है उसे कैंपस से बाहर आना चाहिए और सियासी मैदान में दो -दो हाथ करना चाहिए। विश्वविद्यालय में सभी को ध्यान में रखते हुए काम होना चाहिए। विश्वविद्यालय में शोध होने चाहिए। खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने की बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां के गौरवाशाली पठन-पाठन का इतिहास ही है कि इस विवि को पूरब का आक्सफोर्ड कहा जाता है। इस छवि को बनाए रखने की सबकी जिम्मेदारी है। कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कामों का जिक्र करते हुए विश्वविद्यालय के गौरवशाली परंपराओं पर चर्चा की।

 

Home / Prayagraj / इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 133वां स्थापना दिवस संपन्न, हुआ भव्य समारोह

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो