19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चीन के साथ युद्ध की आशंकाओं के बीच भारतीय रेल से सेना के सैकड़ों वैगन लापता 

चीन के साथ युद्ध की आशंकाओं के बीच भारतीय रेल से सेना के सैकड़ों  वैगन लापता 

2 min read
Google source verification

image

Awesh Tiwary

Jul 22, 2017

cag, comptroller and auditor general, deffence aud

cag, comptroller and auditor general, deffence audit, narendra modi, NDA, parliament

पत्रिका विशेष


आवेश तिवारी
इलाहाबाद। भारतीय रेल द्वारा सेना से मनमाना भुगतान लेने और सेना के इस्तेमाल में आने वाले वैगनो का व्यावसायिक इस्तेमाल करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इलाहाबाद और झांसी में रेलवे सेना के वैगनों का इस्तेमाल कर पैसे कमा रही है। कम्पट्रोलर और आडिटर जनरल द्वारा संसद में शुक्रवार को रखी गई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सेना को पता ही नहीं देश के रेलवे नेटवर्क में खड़े उसके वैगन कहाँ हैं। एडिशनल डायरेक्टर जनरल (एसएम) ने कैग से कहा है कि रेलवे नेटवर्क में खड़े सेना के वैगनों का फिलहाल पता नहीं चल सका है। गौरतलब है कि युद्धकालीन परिस्थितियों में उनका सैन्य सामग्री ,तोपों और गोला बारूद के परिवहन में इस्तेमाल किया जाता है। कैग की रिपोर्ट की माने तो सेना ने स्वीकार किया है कि भारतीय रेल देश भर में सेना की मालिकाना हक़ वाली व्यवस्था का अपने व्यावसायिक हितों में इस्तेमाल कर रहा है ।

यूपी में खड़े वैगनों का हाल सबसे बुरा
कैग की रिपोर्ट की माने तो बिना सेना की जानकारी के रेलवे ने सेना के इस्तेमाल में आने वाले वैगनो का अपने लिए व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाहाबद से 2014 में रेलवे को दो वैगन ओवरहालिंग के लिए भेजे गए थे लेकिन रेलवे उनसे तेल की ढुलाई करने लगा केवल इतना ही नहीं झांसी में रेलवे के 32 वैगनों का भी रेलवे लम्बे समय से व्यावसायिक इत्स्तेमाल कर रहा है। कैग का आरोप है कि सेना जनवरी 2016 से पह्लले पांच सालों तक यह जानने की भी कोशिश भी नहीं की कि देशभर में रेलवे नेटवर्क पर खड़े उनके वैगनों के क्या हाल है।

रेलवे स्लाइडिंग की बिना मरम्मत के ऐठ लिए गए पैसे
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाहाबाद में जहाँ सेना की तीन रेलवे स्लाइडिंग है तीनो में से कोई स्लाइडिंग काम नहीं कर रही है। गौरतलब है कि स्लाइडिंग उन स्थानों को कहते हैं जहाँ से सेना अपने भारी हथियारों का परिवहन करती है।युद्ध के दौरान इनका इस्तेमाल बढ़ जाता है। रिपोर्ट बताती है कि इलाहाबाद के पास छियुंकी में बनाई गई स्लाइडिंग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है और जनवरी 2015 के बाद से ही इस्तेमाल के लिए अनफिट घोषित कर दी गई है। ओडी फोर्ट स्लाइडिंग 2008 के बाद से ही इस्तेमाल में नहीं लाई गई वही खुसरोबाग स्लाइडिंग को जाने वाला रास्ता इतना खराब है कि वहां से बंदूकों और अन्य सामग्री का परिवहन नहीं किया जा सकता। कैग की रिपोर्ट कहती है कि बिना स्लाइडिंग की मरम्मत किये रेलवे ने 2011-12 और 2013-14 के दौरान सेना से 31.58 लाख रूपए वसूल लिए कैग ने यह भी कहा है कि रेलवे द्वारा सेना को दिए गए वैगनों में भी मनमाना सरचार्ज लगाकर लाखों की वसूली की है ।