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इलाहाबाद हाईकोर्ट: भूमि विक्रय करार के उल्लंघन को लेकर चल रहे आपराधिक केस की सुनवाई प्रक्रिया पर रोक, सरकार से जवाब-तलब

याची के खिलाफ गौतम बुद्धनगर के फेज तीन थाने में एफ आई आर दर्ज कराई गई है। इनका कहना है कि आपराधिक केस दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 368 के अंतर्गत बार है। शिकायतकर्ता को सिविल केस करना चाहिए। दोनों के बीच जमीन खरीद को लेकर करार हुआ जिसमें शर्त है कि करार की किसी भी शर्त का उल्लघंन किये जाने पर क्रेता को बकाया राशि देकर बैनामा कराने का अधिकार होगा।

प्रयागराजAug 01, 2022 / 11:34 pm

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट: भूमि विक्रय करार के उल्लंघन को लेकर चल रहे आपराधिक केस की सुनवाई प्रक्रिया पर रोक, सरकार से जवाब-तलब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमीन विक्रय करार की शर्त के उल्लंघन पर परेशान करने के लिए दुर्भावनावश दर्ज आपराधिक केस की सुनवाई एवं जारी सम्मन आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर विपक्षी व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका की सुनवाई 5 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह ने हरिराज सिंह की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता अर्विंद कुमार मिश्र ने बहस की।
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याची के खिलाफ गौतम बुद्धनगर के फेज तीन थाने में एफ आई आर दर्ज कराई गई है। इनका कहना है कि आपराधिक केस दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 368 के अंतर्गत बार है। शिकायतकर्ता को सिविल केस करना चाहिए। दोनों के बीच जमीन खरीद को लेकर करार हुआ जिसमें शर्त है कि करार की किसी भी शर्त का उल्लघंन किये जाने पर क्रेता को बकाया राशि देकर बैनामा कराने का अधिकार होगा।
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याची का कहना है कि उसने किश्त नहीं देकर खुद करार का पालन नहीं किया और आपराधिक केस दर्ज किया है। सिविल वाद दायर करने के बजाय परेशान करने के लिए याची के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया है। जिसे रद्द किया जाए।
कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और विपक्षियों से जवाब मांगा है।
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