कोर्ट ने जिलाधिकारी मथुरा को पक्षो को सुनकर अवैध कब्जा निर्धारण कर खाली कराने पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। जय गुरूदेव संस्थान का कहना था कि प्लाट संख्या 30 पर उनका वैध कब्जा है। जिलाधिकारी व मुख्य सचिव ने केवल 2.63 हेक्टेयर जमीन पर ही अवैध कब्जा माना है। जिस पर संस्थान ने कोई आपत्ति नहीं की।
कोर्ट ने मथुरा-वृन्दावन महायोजना में घोषित पार्को की बहाली के मामले में उद्योगों को वैकल्पिक स्थान की अर्जी देने को कहा है। जिन उद्योगों के मामले में कोर्ट का स्थगनादेश है, उन पर कार्यवाही न करने को कहा है। कोर्ट ने मथुरा औद्योगिक क्षेत्र प्रदूषण निवारण केन्द्र के कामन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी राहत दी है। इसमें 30 उद्योगों का पानी शोधित कियाजा रहा है। कुल जमीन 17 हजार वर्ग मीटर है जिसमें से 8 हजार वर्ग मीटर में पेड़ लगे हैं।
हाईकोर्ट इलाहाबाद ने बांसफाटक वाराणसी स्थित भार्गव काम्पलेक्स के दुकानदारों को राहत मिली है। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सीईओ ने हलफनामा दाखिल कर स्वयं कहा कि किरायेदारों की जबरन बेदखली नहीं की जायेगी। कोर्ट ने याचियों को कानून के तहत कार्यवाही करने की छूट दी है। याचिका में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीदने के अधिकार की वैधता के मुद्दे पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खण्डपीठ ने भार्गव काम्पलेक्स में किरायेदार दीपक कुमार अग्रवाल व तेरह अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया