इलाहाबाद जिले में जिनकी कभी तूती बोलती थी। सियासी मैदान से कूदने से पहले प्रत्याशी इनके दरबार में मत्था टेकता था। इनकी इजाजद के बिना कोई अपना नामांकन कराने से भी डरता था। आज ऐसे बाहुबलि नेता और माफिया जेल के अंदर भले ही बंद हों लेकिन उनके रसूख में कोई कमी नहीं आई है। वो अपनी सियासी कक्षाएं चला रहे हैं।
ऐसे रसूखदारों में सबसे पहले पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद का नाम आता है। कभी इनके इजाजत के बिना प्रत्याशी नामांकन से भी खौफ खाता था। अतीक के दरबार में ही शहर पश्चिमी सहित मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में चुनाव से पहले ही पार्षद तय होते थे। आज अतीक भले ही देवरिया जेल में बंद हों लेकिन चुनावी मैदान में उनका रसूख बरकरार है। सियासी मैदान में ताल ठोकने वाले प्रत्याशी किसी ना किसी माध्यम से देवरिया जेल में बंद अतीक तक अपना संदेश भेज आर्शीवाद ले रहे हैं।
वहीं नैनी जेल में करवरिया बंधुओं का खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है। बारा से विधायक रहे चुके उदयभान करवरिया और फूलपुर से सांसद रह चुके बड़े भाई कपिलमुनि करवरिया दोनों ही नैनी जेल में जवाहर हत्याकांड मामले में बंद हैं। उदयभान करवरिया की पत्नी बीजेपी से मेजा विधानसभा सीट से विधायक हैं।
करवरिया बंधुओं का शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र की कई सीटों पर खासा प्रभाव है। ऐसे में शहर उत्तरी के सहित विभिन्न वार्डों से खड़े प्रत्याशी जेल में बंद करवरिया बंधुओं से कृपा दृष्टि बनाए रखने की गुहार लगा रहे हैं। इसी तरह से कई अन्य माफिया भी प्रदेश के विभिन्न जेलों से ही अपना प्रभाव दिखाने में लगे हुए हैं। अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए जेल के अंदर ही राजनैतिक गुणाभाग हो रहा है।
BY- ARUN RANJAN