हरिशंकर सिंह बुधवार को बार कौंसिल भवन में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उम्भा चले गए लेकिन वकीलों की समस्याओं पर मुलाकात के लिए समय नहीं दे रहे हैं। बार कौंसिल अध्यक्ष दरवेश सिंह के परिवार वालों को अब तक सुरक्षा नहीं दी गई। प्रतापगढ़ में अधिवक्ता ओम मिश्र की हत्या के मामले में ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। पिछली सरकार ने वकीलों के लिए प्रतिवर्ष बजट में 40 करोड़ रुपये का प्रयोजन किया था लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे दो साल से रोके रखा है।
इस कारण दिवंगत वकीलों से जुड़े 500 दावे लंबित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नए वकीलों व दिवंगत वकीलों के 70 वर्ष की आयु के लिए अनुदान की बात केवल जुबानी है। इसके लिए अब तक कोई ठोस कदम उठाया नहीं गया है। सोनभद्र की घटना से प्रतीत होता है कि प्रदेश में शासन-प्रशासन एवं पुलिस बेलगाम है। डीएम प्रतापगढ़ ने भी अधिवक्ता ओम मिश्र से मिलने से मना दिया था जबकि वह सुरक्षा मांगने गए थे। बार कौंसिल अध्यक्ष ने कहा कि वकीलों की इन समस्याओं के निराकरण के लिए प्रदेश के अधिवक्ता 26 जुलाई को विरोध दिवस मनाएंगे।