कांग्रेसी नेता ने एमएलसी को चौहान मार्केट की जमीन को अवैध बताने पर दिया यह सबूत जमीन को पाने की लालसा के लिए ही निर्मित किया गया था वही अब एम.एल.सी. दिनेश प्रताप सिंह द्वारा चौहान मार्केट को अवैध कब्जा बताया जा रहा है जिस पर कांग्रेसी नेता मनीष सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर यह अवैध कब्जा है और स्वर्गीय अशोक सिंह व धुन्नी सिंह भू माफिया थे तो उनके नाम का सहारा क्यों लिया जा रहा है जिस पर एमएलसी द्वारा मीडिया के माध्यम से उदघाटन के मौके पर उनके बयान के अनुसार पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि चौहान मार्केट जहाँ अभी कुछ दिन पूर्व ही एक प्रेस वार्ता हुई थी। वह अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई है और यदि उस मार्केट का बैनामा भी है तो उसे स्व.अशोक सिंह के पुत्र मनीष सिंह सार्वजनिक करें। जिस पर कांग्रेसी नेता मनीष सिंह ने कहा सवाल सीधा है, विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह से हैं।कि यदि उनकी जानकारी में ये चौहान मार्केट जहाँ स्व.अशोक सिंह निवास करते थे वो अवैध भूमि कब्जा करके बनी है तो उनके नाम से उन्हें श्रद्धांजलि देने के नाम पर द्वारका निर्माण क्यों किया गया, क्या दिनेश प्रताप सिंह स्व. धुन्नी सिंह और स्व. अशोक सिंह को अवैध भूमि कब्जा करने वाला मानते हैं, यदि हाँ तो स्व० अशोक सिंह के सम्मान में द्वार निर्मित करके वो कौन सा उदाहरण आम जनमानस के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं, और यदि वो इन दोनों दिवंगत लोगों को अपना प्रेरणा श्रोत मानते हैं, आम जनमानस का लोकप्रिय नेता मानते हैं तो क्या जो आरोप उन्होनें लगाया है,महज आवेश में आकर लगाया गया है।
स्वयं विधान परिषद सदस्य के पद से और जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह को पद से इस्तीफा देना चाहिए मनीष कुमार सिंह ने कहा कि मैं दिनेश प्रताप सिंह से मांग करता हूँ कि यदि उन्होनें रायबरेली कीजनता को गुमराह करने के लिए कई दशकों तक जन प्रतिनिधि रहे एक भूमि कब्जा करने वाले नेता स्व० अशोक सिंह जी के सम्मान में बोर्ड लगाया है, तो तत्काल उस बोर्ड को हटाकर स्वयं विधान परिषद सदस्य के पद से और जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, और यदि उन्होनें बिना किसी आधार और साक्ष्य केये झूठ बोला है तो दिनेश प्रताप सिंह अपने सम्मानित जन नेता स्व. अशोक सिंह के समर्थकों और उन्हें वोट देकर जनप्रतिनिधि बनाने वाले मतदाताओं से सार्वजनिक रूपसे माफी मांगे।
जमीन का बैनामा सन् 1970 में हुआ जहाँ तक बात चौहान मार्केट के अवैध जमीन पर बने होने की है तो ये आपकी और सर्वमान्य जनता की जानकारी के लिए बताना चाहता हूँ कि इस जमीन का बैनामा सन् 1970 में हुआ था, जिसे भोलानाथ सिकरिया के बाबा द्वारा खरीदा गया था। सदस्य विधान परिषद बैनामा की कापी जब भी चाहें अपने किसी प्रतिनिधि कोभेज कर दिखवा सकते हैं।