घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से भाग गए। घटना के बाद नाबालिग (Minor) ने मामले की जानकारी परिजनों को दी, फिर पारिवारिक सलाह मशवरा के बाद 24 जनवरी को घटना की रिपोर्ट थाने में की गई। ऐसे में खरसिया पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 36डी व पॉस्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया। वहीं दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। 22 जून को इस मामले की सुनवाई विजय कुमार होता के कोर्ट में हुई। जहां कोर्ट (Court) ने आरोपियों को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कारवास ((Imprisonment)) व 7 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
शासन पीडि़ता को देगी क्षतिपूर्ति राशि
इस घटना के बाद से पीडि़ता ने शारीरिक एवं मानसिक अज्ञात सहा है। इसे देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह के भीतर पीडि़ता को बतौर क्षतिपूर्ति राशि दो लाख रुपए देने का आदेश दिया है।