scriptघर लौट रही नाबालिग का रास्ता रोक कर गैंगरेप करने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई ये सजा | Case of Gangrape | Patrika News
रायगढ़

घर लौट रही नाबालिग का रास्ता रोक कर गैंगरेप करने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई ये सजा

सहेली से मिलकर घर जा रही नाबालिग (Minor) का रास्ता रोक कर उससे गैंगरेप (Gangrape) करने वाले दो आरोपियों को विशेष न्यायाधीश (एस्ट्रोसिटीज एक्ट) विजय कुमार होता की कोर्ट (Court) ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास (Imprisonment) की सजा सुनाई है। वहीं दोनों आरोपियों को अर्थदंड से दंडित किया गया है। वहीं आरोपियों द्वारा अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर उन्हें एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास (Imprisonment) की सजा भुगतनी पड़ेगी।

रायगढ़Jun 23, 2019 / 12:23 pm

Vasudev Yadav

घर लौट रही नाबालिग का रास्ता रोक कर गैंगरेप करने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई ये सजा

घर लौट रही नाबालिग का रास्ता रोक कर गैंगरेप करने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई ये सजा

रायगढ़. गैंगरेप (Gangrape) मामले की पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक एके श्रीवास्तव ने बताया कि खरसिया थाना क्षेत्र की नाबालिग लड़की 20 जनवरी की शाम अपनी सहेली से मिल कर घर लौट रही थी। तभी रास्ते में उसे खरसिया के बोतल्दा निवासी रूपलाल यादव पिता साधुराम यादव (23) व दिलेश निषाद पिता नारायण निषाद (22) मिले। इसके बाद आरोपियों ने सूनेपन का फायदा उठाकर लड़की के मुंह को दबा कर एक व्यक्ति के घर के पीछे स्थित शौचालय के पास ले गए और पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया।
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घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से भाग गए। घटना के बाद नाबालिग (Minor) ने मामले की जानकारी परिजनों को दी, फिर पारिवारिक सलाह मशवरा के बाद 24 जनवरी को घटना की रिपोर्ट थाने में की गई। ऐसे में खरसिया पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 36डी व पॉस्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया। वहीं दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। 22 जून को इस मामले की सुनवाई विजय कुमार होता के कोर्ट में हुई। जहां कोर्ट (Court) ने आरोपियों को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कारवास ((Imprisonment)) व 7 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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शासन पीडि़ता को देगी क्षतिपूर्ति राशि
इस घटना के बाद से पीडि़ता ने शारीरिक एवं मानसिक अज्ञात सहा है। इसे देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह के भीतर पीडि़ता को बतौर क्षतिपूर्ति राशि दो लाख रुपए देने का आदेश दिया है।

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