जन-जीवन का रखा ख्याल
पुलिस ने बताया कि चालक रविन्द्र ने ऐन वक्त पर बहादुरी का काम दिखाया। अगर वह चाहता तो बीच बस्ती जलती ट्रक को वहीं पर छोड़ कर भाग सकता था, लेकिन उसने ऐसा करना मुनासिब नहीं समझा। क्योंकि अगर वह ऐसा करता तो ट्रक ब्लास्ट हो सकती थी, आसपास के घरों में आग लग सकती थी। आवागमन करने वाले भी इसकी चपेट में आ सकते थे। ऐसे में चालक ने हार न मानते हुए चलती ट्रक को करीब 03 किमी दूर तक 100 की स्पीड में चलाता रहा। जब बस्ती समाप्त हुई तो पत्थलगांव रोड में सड़क किनारे ट्रक को पलटी कर दिया। इसके बाद ट्रक से बाहर निकला। इस घटना में चालक भी कुछ हद तक झुलस गया है। जिसे इलाज के लिए धरमजयगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
धू-धू कर जल रहा था धरमजयगढ़
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब जलती हुई ट्रक 100 की स्पीड में भाग रही थी तो उसके ट्राली से जलते हुए तेंदूपत्ता के ढेर पूरे सड़क पर गिर रहे थे। इसके अलावा किसी घर के आंगन तो किसी के दुकान तक भी आग की लपेटें पहुंच रही थी और पूरा धरमजयगढ़ का इलाका धू-धू कर जल रहा था। दूर से धुएं को देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पूरे क्षेत्र में आग लग गई है।
घर से निकल कर बुझा रहे थे आग
पुलिस ने बताया कि घटना घटित तो हो चुकी थी, लेकिन जिस तरह जलते हुए तेंदूपत्ता के ढेर सड़कों, घरों पर गिर रहे थे उसे बुझाना भी जरूरी था। नहीं तो अनहोनी घटना घटित हो जाती। ऐसे में घरों से बाल्टी, ड्रम, मग, घड़ा में पानी लेकर निकल रहे थे और आग को बुझाने का प्रयास कर रहे थे।