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रायगढ़

रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र से 150 पेड़ कटने के बाद भी बीट प्रभारी को नहीं लगी भनक, एक रोज ऐसे पकड़ाए दो आरोपी

– बीट गार्ड की लापरवाही के चलते लोग पेड़ काटने में सफल हो रहे थे

रायगढ़Mar 24, 2019 / 05:46 pm

Vasudev Yadav

रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र से 150 पेड़ कटने के बाद भी बीट प्रभारी को नहीं लगी भनक, एक रोज ऐसे पकड़ाए दो आरोपी

रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र से 150 पेड़ कटने के बाद भी बीट प्रभारी को नहीं लगी भनक, एक रोज ऐसे पकड़ाए दो आरोपी

रायगढ़. बोईदादर बीट के अंतर्गत रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र में 12 मार्च को दो आरोपी पेड़ों की अवैध कटाई करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए थे। यह आरोपी कई दिनों से पेड़ कटाई का कार्य कर रहे थे और लगभग 150 पेड़ों को काट चुके थे। इसके बाद भी यहां के बीट प्रभारी को इसकी कानो-कान खबर नहीं हुई। यहां कार्य कर रही विजयपुर समिति के सदस्यों ने नाकेदार गोवर्धन राठौर के सहयोग से आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा और आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।
रेगड़ा गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर से शुरू हो रही बोईदादर बीट के कंपार्टमेंट 966 में बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटाई की शिकायतें मिल रही थी। यहां गांव के लोग पेड़ों को काट कर उसका उपयोग जलाऊ व अन्य कार्य के लिए कर रहे थे।
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चूंकि यह क्षेत्र रिजर्व फारेस्ट के अंतर्गत आता है, इसलिए यहां पेड़ों की सुरक्षा की जवाबदारी वन विभाग की और अधिक बढ़ जाती है। लेकिन यहां बीट गार्ड की लापरवाही के चलते लोग पेड़ काटने में सफल हो रहे थे। वहीं इस बारे में डिप्टी रेंजर राजेश्वर मिश्रा का दावा है कि 12 मार्च को विजयपुर समिति के सदस्यों ने नाकेदार के साथ मिलकर सिलपहरा-रेगड़ा के रहने वाले सखाराम लकड़ा और प्रदीप लकड़ा को रंगे हाथ पेड़ काटते हुए गिरफ्तार किया।
इसके बाद दोनों आरोपियों को रेंज कार्यालय ले जाकर उनके खिलाफ पीओआर काटा गया है। मिश्रा का दावा है कि 150 पेड़ काटने की बात गलत है। वन परिक्षेत्र के अंतर्गत मात्र 15 पेड़ कटे हैं, जो कि जलाऊ किस्म के हैं। शेष पेड़ राजस्व सीमा में आते हैं, उसका जवाब राजस्व अमला ही दे सकता है। रही बात बीट गार्ड की अनुपस्थिति की तो बीट गार्ड हर समय ड्यूटी पर रहते हैं।

बीट गार्ड पर नहीं है कोई लगाम
वनों की सुरक्षा के लिए हर बीट में एक गार्ड की तैनाती की गई है। इसके साथ ही वहीं पर आवास की सुविधा भी दी गई है, लेकिन प्रभारी से लेकर बीट गार्ड तक उन क्वार्टर में रहने के जगह शाम होते ही शहर में रह रहे अपने परिवार के पास आ जाते हैं और वनों की सुरक्षा राम भरोसे छूट जाती है। इसका फायदा उठाकर लोग रात में पेड़ों की कटाई करते हैं और लकड़ी को बाजार तक पहुंचा रहे हैं। यदि आवास पर बीट गार्ड व प्रभारी के रहने की अनिवार्यता को सही तरीके से सुनिश्चित किया जाए तो अवैध पेड़ कटाई पर लगाम लग सकती है।

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