इस गांव में फिर से शुरू हुआ ये अवैध काम, मामले की शिकायत लेकर थाने पहुंचे ग्रामीण शिक्षा विभाग के अधिकारी ड्रा का काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं लेकिन अभी तक ऑनलाईन इंट्री का काम नहीं हो पाया है। ड्रा के दौरान उपस्थित अभिभावकों को यह पता है कि किस स्कूल में बच्चे का एडमिशन कराना है लेकिन यह कहा गया है कि ऑनलाईन इंट्री होने के बाद संबंधित के मोबाईल पर मैसेज आएगा जिसके बाद प्रवेश लेने के लिए संबंधित स्कूलों में जाना है। शनिवार तक की स्थिति में ड्रा के बाद चयनित बच्चों में से 50 प्रतिशत बच्चों का नाम ऑनलाईन इंट्री किया गया था ५० प्रतिशत का नहीं। जिसके कारण आधे अभिभावकों को मैसेज नहीं मिला है जिसके कारण अभिभावक मैसेज का इंतजार कर रहे हैं और सोंचने पर विवश हैं।
ये भी आएगी समस्या
बताया जाता है कि प्रायवेट स्कूल संचालकों को पोर्टल में चयनित बच्चों की सूची नहीं दिखेगी जिसके कारण नोडल अधिकारियों द्वारा दिए गए सूची से मिलान कर प्रवेश देना होगा। जिन स्कूलों का ड्रा किया गया है वहां की सूची तो दे दी गई है लेकिन जिन स्कूलों का ड्रा नहीं हुआ है उन स्कूलों को बच्चों की सूची नहीं दी गई है।
प्रवेश के बाद रहेगी इसकी चिंता
अधिकांश प्रायवेट स्कूलों में मार्च माह में ही नया शिक्षण सत्र चालू हो गया है। मार्च और अप्रैल का आधा मिलाकर करीब डेढ़ माह का कोर्स पूरा करा दिया गया है। अब शिक्षा विभाग सरकारी शिक्षण सत्र के हिसाब से प्रवेश दिला रहा है जिसके कारण इन बच्चों को पिछले डेढ़ माह का कोर्स कवर करना होगा।