इनमें स्वास्थ्य की पहली पंक्ति में तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिनों के नाम भी शामिल हैं। सभी जिलों ने राज्य के निर्देश पर केंद्र के पोर्टल पर अपने-अपने जिलों के हेल्थ वर्कर्स के नाम, पहचान पत्रों सहित अपलोड कर दिए हैं। निजी अस्पतालों ने भी यह प्रक्रिया कर ली है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी तक केंद्र से वैक्सीन कब तक राज्य को मिलेगी? इससे स जुड़ी कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई है। राज्य की आबादी 2.87 करोड़ है। इसके मुताबिक राज्य सरकार कम से कम पहले चरण में 10 प्रतिशत आबादी के लिए टीकों की मांग करेगी। यानी करीब 30 लाख। उधर, हेल्थ वर्कर्स के बाद दूसरी प्राथमिकता में बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे शस्रामिल होंगे। मगर तब तक मास्क को ही वैक्सीन है, यही मानकर चलना होगा।
मेडिकल स्टाफ की डॉक्टर आरएमए, स्टाफ नर्स, रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन, आई स्पेशलिस्ट, फॉर्मासिस्ट, ड्रेसर, आया बाई, वार्ड व्यॉय, मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता। सरकारी अस्पतालों में इनकी संख्या करीब 1 लाख है।
कोल्ड स्टोरेज के लिए केंद्र भेज रहा है उपकरण प्रदेश में वर्तमान में 630 कोल्ड स्टोरेज हैं। केंद्र ने 80 और स्टोरेज खोलने की अनुमति दी है। इसके लिए उपकरण और अन्य आवश्यक संसाधन केंद्र ही मुहैया करवाएगा, जो अभी राज्य को नहीं मिले हैं।