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रायपुर

रेमडेसिविर की मारामारी, निजी अस्पतालों में सीधे कंपनी से सप्लाई और सरकारी होलसेलर पर निर्भर

COVID Drug Remedisvir: प्रदेश में इन दिनों Remdesivir इंजेक्शन की बड़ी मांग है। बीते 19 दिन के अंदर-अंदर इसकी मांग एक दिन में 25,000 इंजेक्शन तक जा पहुंची है।

रायपुरApr 19, 2021 / 06:15 pm

Ashish Gupta

सूरत में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए धूप में लंबी कतार

सूरत में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए धूप में लंबी कतार

रायपुर. प्रदेश में इन दिनों Remdesivir इंजेक्शन की बड़ी मांग है। बीते 19 दिन के अंदर-अंदर इसकी मांग एक दिन में 25,000 इंजेक्शन तक जा पहुंची है। मगर, सप्लाई बहुत कम है। स्थिति यह है कि बड़े निजी अस्पतालों में इसका पर्याप्त स्टॉक होना बताया जा रहा है, क्योंकि ये अस्पताल सीधे कंपनियों से इंजेक्शन ले रहे हैं। जिसका कोई रेकॉर्ड राज्य सरकार के पास नहीं है।

दूसरी तरफ सरकार के पास कंपनियों द्वारा होलसेलर को भेजे गए इंजेक्शन ही जानकारी है, जो इनसे लेकर सरकारी और निजी अस्पतालों में सप्लाई हो रहे हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग कह रहा है कि अगर कंपनियों और अस्पतालों का अनुबंध है तो उसमें कुछ नहीं किया जा सकता।

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जानकारों का मानना है कि यह इंजेक्शन के ओर भी विकल्प हैं। मगर, उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि Corona की दूसरी लहर में यह इंजेक्शन आज हर व्यक्ति की जुबान पर चढ़ गया है। मरीज अस्पताल में भर्ती होने के साथ ही कह रहा है कि रेमडेसिविर लगा दो। उधर, सरकार ने खुद 90 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीद रही है। गौरतलब है कि सरकारी प्रोटोकॉल में रेमडेसिविर को शामिल किया गया है।

शनिवार को एक भी इंजेक्शन नहीं आया- शनिवार को दिल्ली की फ्लाइट में बुकिंग नहीं इसलिए इंजेक्शन नहीं आ सके। हिट्रो कंपनी के 3600 इंजेक्शन आने थे, जो अब सोमवार की सुबह आएंगे।

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इस प्रकार अचानक से बढ़ी मांग
निजी अस्पताल- यहां हर मरीज को इंजेक्शन प्रिस्क्राइव किया जा रहा है। फिर चाहे मरीज ए-सिम्प्टेमैटिक ही क्यों न हो। क्योंकि इन्हें इंजेक्शन के दाम एमआरपी पर मिल रहे हैं।

सरकारी अस्पताल- यहां कोरोना ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत मरीजों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। आंबेडकर अस्पताल में शनिवार को ऑन-रेकॉर्ड 85 मरीजों को इंजेक्शन लगे, जबकि यहां 350 से अधिक मरीज भर्ती हैं।
होम आइसोलेशन वाले भी लगवा रहे- प्रदेश में होम आइसोलेशन वाले मरीजों के परिजन इस इंजेक्शन के लिए कतारों में लगे हुए हैं।

लोग भविष्य के लिए कर रहे स्टॉक- कई ऐसे भी लोग हैं जो भविष्य के खतरे को देखते हुए इंजेक्शन के जुगाड़ में लगे हुए है। इसका स्टॉक कर रहे हैं या करवा रहे हैं।

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आंबेडकर अस्पताल कोविड19 यूनिट के इंचार्ज डॉ. ओपी सुंदरानी ने कहा, देखिए, जिन मरीजों को इंजेक्शन की आवश्यकता है उन्हें अस्पताल के स्टोर से अलॉट हो रहे हैं। हमारे पास स्टाक है। कई मरीज कहते हैं कि डॉक्टर साहब रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा दो, तो उन्हें पर्ची बनाकर दे देते हैं कि ले आओ तो लगा देंगे। कोरोना ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में स्पष्ट है कि किन्हें इंजेक्शन लगाना है किन्हें नहीं। हर मरीज को लगाने के कारण ही इसकी किल्लत हुई है।

हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा, विशेष परिस्थितियों में ही इस इंजेक्शन की आवश्यकता है। 90 प्रतिशत मरीज तो सामान्य दवाओं से ठीक हो रहे हैं। गंभीर और वेंटिलेटर वाले मरीजों को ही इसे देने का नियम बना हुआ है। जिसका पालन होना चाहिए।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक औषधि नियंत्रक हिरेन पटेल ने कहा, अस्पतालों पर नजर रखी जा रही है, क्योंकि उनके द्वारा स्टॉक करने की सूचना है। अगर, आपके पास भी इंजेक्शन बेचने वालों के नंबर आएं तो सूचना दें। तत्काल कार्रवाई होगी।
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