scriptआपातकाल में जब जनता ने कांग्रेस को किया था सत्ता से बाहर तब इस कांग्रेसी नेता ने बजाया था जीत का डंका | 26-year-old Chandrika Sahu had also won from Abhanpur in anti-wave | Patrika News
रायपुर

आपातकाल में जब जनता ने कांग्रेस को किया था सत्ता से बाहर तब इस कांग्रेसी नेता ने बजाया था जीत का डंका

आपातकाल के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता उखड़ गई थी। लेकिन कांग्रेस के चंद्रिका साहू उस विरोधी लहर में भी अभनपुर से चुनाव जीत गए थे।

रायपुरSep 26, 2018 / 02:41 pm

Ashish Gupta

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रायपुर. देश की चुनावी की राजनीति में आपातकाल के बाद का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। आपातकाल के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता उखड़ गई थी। पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार सत्ता में आई। राज्य विधानसभा के चुनावों में भी इसका खासा असर दिखा। लेकिन कांग्रेस के चंद्रिका साहू उस विरोधी लहर में भी अभनपुर से चुनाव जीत गए थे। बात 1977 के विधानसभा चुनाव की है।
इंदिरा गांधी ने 26 वर्ष के एक नौजवान चंद्रिका साहू को अभनपुर सीट से विधानसभा का उम्मीदवार बना दिया। एक लाख 10 हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र से साहू दमखम तो रखते थे लेकिन चुनाव लडऩे को तैयार नहीं थे। उन परिस्थितियों में चुनाव लडऩा बेहद मुश्किल था। आपातकाल विरोधी हवा क्षेत्र में भी मौजूद थी।
इसके बावजूद उन्होंने जनता पार्टी के उम्मीदवार चेतराम साहू को 3500 वोटों से हरा दिया। कुल खर्च आया 20 हजार रुपए। चुनाव लडऩे के लिए पार्टी 10 हजार रुपए देती थी। कपड़ों से बने बैनर और कागज के पोस्टर ही प्रमुख औजार थे। इंदिरा गांधी ने रायपुर मेंं जनसभा कर उनके लिए वोट भी मांगा था।

रास्ता बनाकर निकलती थी जीप
उन दिनों चुनाव प्रचार के लिए 45 दिन का समय मिलता था। गांवों तक पहुंचने के लिए रास्ते नहीं थे। साहू ने प्रचार के लिए एक जीप रखी थी, लेकिन वह कई क्षेत्रों में पहुंच ही नहीें पाती थी। पार्टी के रणनीतिकारों ने एक रास्ता निकाला। जीप में फावड़ा और कुल्हाड़ी लेकर दो लोग बैठते थे। रास्ता नहीं होने अथवा झाडिय़ों से रास्ता बंद होने पर जीप रोकी जाती। दोनों सहयोगी उतरते और फावड़े-कुल्हाड़ी की मदद से रास्ता तैयार करते। उसके बाद जीप आगे जाती थी। ऐसा नहीं हो पाता तो वे पैदल ही उस रास्ते से गांव तक जाते थे।

फिर नहीं चला वह जादू
चंद्रिका साहू का वह जादू फिर नहीं चला। 1980 के चुनाव में उन्हें दोबारा टिकट मिला था। नाम वापसी के अंतिम दिन दूसरे नेता को बी-फॉर्म दे दिया गया। कहा गया कि यह शुक्ला बंधुओं की वजह से हुआ। बाद में साहू अर्जुन सिंह के गुट में शामिल हो गए। 1996 में पार्टी ने टिकट दिया लेकिन चंद्रिका चुनाव हार गए।

अभनपुर पूर्व विधायक चन्द्रिका साहू

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