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रायपुर

CG Assembly: शीतकालीन सत्र में 30 विधायक रहे मौन, सरकार से नहीं पूछे एक भी सवाल

छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र खत्म हो गया। लेकिन सदन में मौन रहने वाले जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर एक नया सवाल खड़ा हो गया है।

रायपुरDec 24, 2017 / 12:47 pm

Ashish Gupta

CG Assembly Winter Session

इस शीतकालीन सत्र में 30 विधायक रहे मौन, सरकार से नहीं पूछे एक भी सवाल

चतुर्थ विधानसभा सत्र 2014 से 2017 के बीच सत्र में पूछे गए सवाल के सत्रवार विवरण में यह तथ्य सामने आया है। सदन में मौन रहने के मामले में लैलूंगा की विधायक सुनीति सत्यानंद राठिया ने चार वर्षों के सत्र के दौरान महज 2 मुद्दों को सदन में उठाया है। वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष और बेलतरा के विधायक बद्रीधर दीवान ने सिर्फ ९ प्रश्न ही पूछे। इसी तरह नवागढ़ विधायक दयाल दास बघेल, बेर्नाडे जोसेफ रोड्रिक्स नामांकित विधायक, गोवर्धन मांझी विधायक बिंद्रनवागढ़ ने तो २० का आंकड़ा भी पार नहीं किया।

ऐसे विधायक जिन्होंने नहीं पूछे प्रश्न
विधायक खेलसाय सिंह, श्याम बिहारी जायसवाल, श्याम लाल कंवर, बृहस्पती सिंह, बद्रीधर दीवान, बर्नाड जोसेपफ रोड्रिक्स, महेश गागड़ा, मोतीलाल चंद्रवंशी, मनोज सिंह मंडावी, शिवशंकर पैकरा, भोजराज नाग, श्रीचंद सुंदरानी, रामदयाल उइके, रोशन लाल अग्रवाल, रोहित कुमार साय, राजू सिंह क्षत्री, श्रवण मरकाम, संतोष उपाध्याय, दयाल दास बघेल, तोखन साहू, अंबेश जांगड़े, गोवर्धन सिंह मांझी, लखन देवांगन, लाभचंद बाफना, रुपकुमारी चौधरी, सरोजनी बंजारे, सुनीति राठिया, चंपादेवी पावले, रेणु जोगी, डॉ. सनम जांगड़े है।

एक्सपर्ट व्यू
राजनीतिक समीक्षक अनिल द्विवेदी ने कहा कि विधायक अपने क्षेत्र का नियमित दौरा नहीं कर पाते हैं। जिससे उन्हें क्षेत्र की समस्याएं व मुद्दों के बारें में पता नहीं चल पाता। जमीनी स्तर पर जनता से रूबरू होने की जरुरत है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में शीतकालीन सत्र छोटे होते जा रहे हैं। कम से कम शीतकालीन सत्र १५ से २० दिनों का होना चाहिए जो अब सीमटकर सप्ताह भर तक आ गए हैं। ऐसे में पूरे विधायक को प्रश्न पूछने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। इसमें यह तत्थ भी सामने आते हैं कि पूछे गए प्रश्न का सहीं जवाब भी कई बार नहीं दिए जाते। विधायकों को जनता की समस्याओं और मुद्दों को लेकर अपनी सक्रियता दिखानी चाहिए।

रायपुर उत्तर के पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने कहा कि प्रत्येक विधायकों को सत्र के दौरान जन समस्याओं को रखनी चाहिए। जनप्रतिनिधि ही अगर कुछ नहीं बोलेंगे तो उससे लोगों में गलत मैसेज जाता है। विधायकों को कोशिश करनी चाहिए कि जनता से जमीनी स्तर पर ज्यादा से ज्यादा जुड़े और समस्याओं व मुद्दों को सजगता के साथ रखें।

सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने वाले विधायक
देवजी भाई पटेल – धरसींवा विधायक 512
मोतीलाल देवांगन – जांजगीर चांपा विधायक 497
टीएस सिंहदेव – अंबिकापुर विधायक 493
धनेंद्र साहू – अभनपुर विधायक 489
केशव चंद्रा – जैजेपुर विधायक- बसपा पार्टी से 480
उमेश पटेल – खरसिया विधायक 479
विमल चोपड़ा – विधायक 455
अमित जोगी – विधायक 449

सबसे कम प्रश्न पूछने वाले विधायक
सुनीति सत्यानंद राठिया – लैलूंंगा विधायक 2
बद्रीधर दीवान – बेलतरा विधायक 9
बेर्नाडे जोसेफ रोड्रिक्स -नामांकित विधायक 11
दयाल दास बघेल – नवागढ़ विधायक 12
गोवर्धन सिंह मांझी – बिंद्रनवागढ़ विधायक 15

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