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रायपुर

कोरोना संक्रमित द्वारा मास्क लगाने के बाद भी 70 फीसदी संक्रमण का खतरा, सतर्कता ही बचा सकती है जान

विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक कोरोना की कोई दवा नही बनी है। सरकार के जारी गाइडलाइन का पालन करके ही संक्रमण से बचा जा सकता है। लोगों की थोड़ी से लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगा लें।
वाय

रायपुरJul 07, 2020 / 11:20 pm

Karunakant Chaubey

रायपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन तीव्र गति से बढ़ रहा है। राजधानी भी कोरोना का हॉट-स्पॉट बन गई है। यहां विगत 34 दिनों में 473 कोरोना संक्रमित मिले हैं। 3 जून तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 18 थी, जो अब बढ़कर 491 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमण को रोकने में जुटी हुई है, लेकिन सफलता नही मिल पा रही है।

अधिकारियों का कहना है कि जब तक लोग मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक नहीं होंगे, संक्रमण को रोकना संभव नही है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मास्क तो सभी के लिए जरूरी है, लेकिन स्वस्थ्य व्यक्ति से ज्यादा संक्रमित या संदिग्ध मरीज मास्क लगाकर संक्रमण के फैलाव को रोक सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोविड-19 वाहक ने मास्क नही लगाया है और कोई स्वस्थ्य व्यक्ति मास्क लगाने के बाद भी उसके संपर्क में आ जाता है तो ७० फीसदी संक्रमण का खतरा रहता है।

यदि कोविड-19 वाहक ने मास्क लगाया है तो सिर्फ 5 फीसदी संक्रमण की संभावना रहती है। कोविड-19 वाहक और स्वस्थ व्यक्ति दोनों मास्क लगाए हुए हैं तो सिर्फ 1.5 फीसदी संक्रमण का खतरा रहता है। राजधानी में कोरोना की चेन को तोडऩे के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम चौक-चौराहों पर पोस्टर लगाकर मास्क लगाने लोगों को जागरूक कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक कोरोना की कोई दवा नही बनी है। सरकार के जारी गाइडलाइन का पालन करके ही संक्रमण से बचा जा सकता है। लोगों की थोड़ी से लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगा लें।

वायरस को बॉडी के अंदर जाने से रोकता है मास्क

मास्क और फेस शील्ड का इस्तेमााल इन दिनों हेल्थकेयर वर्कर के अलावा आम लोग भी संक्रमण से बचने के लिए कर रहे हैं। घर से बाहर निकलने पर संक्रमण से बचना है तो मास्क लगाना जरूरी है लेकिन यदि कोई स्वास्थ्यकर्मी है तो उन्हें मास्क व फेस शील्ड दोनों लगाना जरूरी है। एम्स के पूर्व अधीक्षक डॉ. करन पीपरे का कहना है कि मास्क सांस के जरिए बॉडी के अंदर वायरस को जाने से रोकता है। यह नाक व मुंह दोनों को कवर करता है, जिससे सांस के जरिए वायरस अंदर नहीं जा सकता है।

लोगों को ऐसा मास्क उपयोग करना चाहिए जो जो पूरी तरह से मुंह व नाक दोनों को कवर करे और फिट बैठे। कोविड-१९ में जुटे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क व फेस शील्ड दोनों लगाना चाहिए। मास्क से नाक व मुंह से वायरस नही जा पाता है लेकिन पूरा फेस व आंख खुली रहती है। ऐसे में स्वास्थ्य फेस शील्ड का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि किसी के करीब जाने पर बोलने के दौरान हवा में निकलने वाले ड्रॉपलेट्स चेहरे पर न आए।

मास्क लगाकर ही बाहर निकलें

स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में जुटी हुई है। लोगों को भी चाहिए कि मास्क लगाकर बाहर निकले। स्वस्थ्य व्यक्ति से ज्यादा कोविड-१९ वाहक को मास्क लगाना जरूरी होता है। लोगों को जागरूक करने चौक-चौराहों पर पंपलेट चस्पा किया गया है।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर

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