बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने इस बात का खुलासा किया है कि बस्तर संभाग में पीएलजीए काडर्स के 800 माओवादी सक्रिय हैं और शनिवार को जिस माओवादियों के दल ने जवानों पर हमला किया। वह कंपनी नंबर एक के माओवादी है, जिसका सरगना दुर्दांत माओवादी हिड़मा है। उस पर 50 लाख से अधिक का इनाम घोषित है तथा पुलिस रिकॉर्ड में वह हिटलिस्ट में है।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अप्रैल और मई का चावल आवंटन एकमुश्त जारी सतत निगरानी के निर्देश इसी इलाके में बीते 12 वर्षों में ताड़मेटला में 76 सीआरपीएफ, अर्पलमेटा में 28 एसएएफ, ताड़मेटला में जगरगुंडा थानेदार हेमंत मंडावी समेत 8, कासलपाड़ में 14, बुरकापाल के बाद अब मिनपा में 17 जवानों सहित 143 जवानों ने शहादत दी है।
सुकमा जिला माओवादी मामलों में कितना संवेदनशील है इसी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। पूरे बस्तर संभाग में माओवादियों के पीएलजीए कैडर्स के लगभग 800 हथियारबंद माओवादी वर्तमान में सक्रिय हैं। जो घटना के बाद तितर-बितर होकर सरहदी इलाकों में चले जाते हैं।
छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला माओवादी मामलों में काफी संवेदनशील होता जा रहा है, इसका सबसे बड़ा कारण महाराष्ट्र तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सीमा को माना जा सकता है। बड़ी घटना के बाद माओवादी छिपने के लिए इन इलाकों का सहारा लेते हैं। शनिवार को हुई घटना के बाद भी माओवादी घने वनों व पहाड़ों का सहारा लेकर महाराष्ट्र तेलंगाना और आंध्र प्रदेश भाग गए होंगे। माओवादियों के कंपनी नंबर 1 को तोडऩे के लिए एक बड़ी रणनीति की आवश्यकता है। आंकड़े की बात करें तो बस्तर संभाग में हथियार बन्द पीएलजीए कैडर्स के माओवादियों की संख्या लगभग 800 है।