19 साल बाद हुए पेशेवर अपहरण को सुलझाने में हांफ रही पुलिस, उद्योगपति की तलाश में हाजीपुर पहुंची टीम
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने तिरुपति फार्मा से बड़ी मात्रा में कफ सिरप जब्त किया था। जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि तिरुपति फार्मा से ही कफ सिरप की सप्लाई की जाती थी। भिलाई की दो एजेंसी कफ सिरप खरीदती थी और इसे नशे का धंधा करने वालों को बेचती थी। इसकी सूचना पर कोतवाली और मौदहापारा पुलिस ने तिरुपति फार्मा के ऑफिस में छापा मारकर बड़ी संख्या में कफ सिरप जब्त किया।
तिरुपति फार्मा के संचालक राजेश अग्रवाल से लंबी पूछताछ की गई। उनके ऑफिस के दस्तावेजों की जांच की गई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। भिलाई की दो एजेंसी संचालकों के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है, लेकिन दोनों आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
नशे का बड़ा जरिया
आमतौर पर कफ सिरप खांसी के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। नशेड़ी इसे उपचार के बजाय नशा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस कारण कफ सिरप को डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं दिया जाता है, लेकिन आरोपी मेडिकल एजेंसी वाले बिना पर्ची के लिए कई लोगों को बेचते थे। इसके अलावा मेडिकल स्टोर्स में भी सप्लाई करते थे। पुलिस उन मेडिकल स्टोर्स संचालकों को भी ढूंढ नहीं पाई है, जहां एजेंसी वाले कफ सिरप बेचते थे।
वर्सन
आरोपियों की तलाश की जा रही है। दोनों एजेंसी वाले फरार हैं। तिरुपति फार्मा से मिले दस्तावेजों की जांच की गई है। आरोपी एजेंसी वालों के पकड़े जाने के बाद दोबारा जांच की जाएगी।
-डीसी पटेल, सीएसपी, कोतवाली, रायपुर