
प्राथमिक शाला पहुंचे एम्स निदेशक
रायपुर. राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक और ईएनटी के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर के साथ ईएनटी विभाग का एक दल मंगलवार को कोटा स्थित नवीन शासकीय प्राथमिक शाला पहुंचा। यहां चिकित्सकों ने छात्रों के कानों की जांच की और उन्हें विश्व श्रवण दिवस पर स्वयं के कान को स्वस्थ रखने के बारे में जागरूक किया। एम्स निदेशक और चिकित्सकों की टीम ने लगभग 45 बच्चों के कानों का चेकअप कर उनके सुनने की क्षमता को परखा, जिसमें से छह के कानों में इंफेक्शन मिलने पर इलाज के लिए एम्स आने की सलाह दी गई। इस दौरान शिक्षकों की भी काउंसलिंग कर उन्हें कम सुनने वाले छात्रों को दी जाने वाली अतिरिक्त मदद के बारे में समझाया गया। प्रो. नागरकर का कहना है कि कई बच्चों में जन्म से ही सुनने की क्षमता कम होती है। यदि इसे समय रहते पहचान लिया जाए तो इसका उपचार संभव है। इसके अलावा कई बच्चे या अभिभावक कान में असुरक्षित चीजों जैसे माचिस की तीली, पैन, पैंसिल आदि का भी प्रयोग करके सुनने की क्षमता को प्रभावित कर लेते हैं। कार्यक्रम में पीजीआई चंडीगढ़ की वरिष्ठ ऑडियोलॉजिस्ट और स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट डॉ. अनु एन. नागरकर ने बच्चों को कान स्वच्छ रखने और बेहतर संवाद के बारे में बताया।
एम्स में मरीज व परिजनों को योग करने बना नया कक्ष
एम्स आने वाले मरीजों और उनके परिजनों की सुविधाओं का दिन-प्रतिदिन विस्तार किया जा रहा है। मंगलवार को आयुष बिल्डिंग में फस्र्ट फ्लोर पर मरीज व परिजनों को योग करने के लिए बने नए कक्ष का शुभारंभ एम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर और अधीक्षक डॉ. करन पीपरे ने किया। अधीक्षक डॉ. करन पीपरे ने बताया कि कक्ष में एकसाथ २० से २५ लोग योग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एलोपैथ में ओपीडी ३५०० के पार पहुंच गई है। आयुर्वेद, युनानी और होम्योपैथी में भी मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ रही है। मरीजों को कोई दिक्कत न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
Published on:
03 Mar 2020 09:37 pm
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