एसी को अगर 24-25 डिग्री तापमान पर चलाया जाता है, तो उससे बिजली बिल में अच्छी खासी बचत हो सकती है। एक डिग्री तापमान बढ़ाने से कुल बिजली खपत में 6 फीसदी कमी आती है।
कई देशों में इसी तरह के नियम लागू
जापान और अमरीका जैसे देशों ने एयर कंडीशनर के प्रदर्शन के लिए पहले ही नियम बना दिए हैं। जापान में एसी का डिफाल्ट तापमान 28 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, अमरीका में कुछ शहरों में एसी का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से कम पर नहीं चलाने की सीमा तय है। माना जा रहा है कि इस तरह के उपायों के माध्यम से 20 बिलियन यूनिट यानी मौजूदा बिजली की प्रति यूनिट कीमत के हिसाब से हर साल 10,000 करोड़ रुपए कीमत की बिजली की बचत होगी। साथ ही बड़ी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। भारत में एसी की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते सरकार ऊर्जा बचाने के लिए यह कदम उठा रही है।
घर में एसी है तो इन बातों का रखें ख्याल
1-हर साल सर्विस करवाएं
2-दिन में एक बार कमरे की खिड़कियां-दरवाजे खोल दें
3-सर्विस किसी भरोसेमंद, सर्टिफाइड मैकेनिक से करवाएं
4-स्प्लिट एसी विंडो एसी के मुकाबले ज्यादा बेहतर
5-गैस की क्वालिटी का ध्यान रखें
5-गलत गैस डालने से भी दिक्क्त होती है
6-सारे वक्त कमरे, खिड़कियों को बंद न रखें ताकि प्रदूषित हवा निकल सके
एसी का तापमान कितना रखें?
1- पलंग या सोफे पर बैठकर टीवी देखते हुए अक्सर आप एसी का रिमोट उठाकर तापमान 16 या 18 तक ले आते हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की मानें तो ऐसा करना आपकी सेहत पर असर डाल सकता है।
2-घरों या दफ्तरों में एसी का तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस ही रखना चाहिए। दिन के मुकाबले रात में तापमान कम रखा जा सकता है। ऐसा करने से सेहत भी ठीक रहेगी और बिजली का बिल भी कम आएगा।
3-लेकिन अगर आप एसी का तापमान इससे कम रखेंगे तो एलर्जी या सिरदर्द शुरू हो सकता है। बुजुर्गों और बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में एसी का तापमान सेट करते वक्त इसका ख्याल रखना होगा।