scriptआयुर्वेद चिकित्सा विभाग डायबिटीज और कैंसर रोग को दूर करने के लिए दे रहा इन खास जड़ी बूटियों की जानकारी | Information on Ayurveda Department of Medicine to overcome diabetes | Patrika News
रायपुर

आयुर्वेद चिकित्सा विभाग डायबिटीज और कैंसर रोग को दूर करने के लिए दे रहा इन खास जड़ी बूटियों की जानकारी

आयुर्वेद चिकित्सा से तो कम खर्च में मरीजों का कैंसर और ब्लड व हाई प्रेशर जैसी बीमारी को आसानी से दूर किया जा सकता है।

रायपुरDec 21, 2019 / 06:56 pm

ashutosh kumar

15 एकड़ में फैले मेडिसिनल प्लांट में 250 औषधियों के पौधे जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज की दी जा रही जानकारी

15 एकड़ में फैले मेडिसिनल प्लांट में 250 औषधियों के पौधे जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज की दी जा रही जानकारी,15 एकड़ में फैले मेडिसिनल प्लांट में 250 औषधियों के पौधे जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज की दी जा रही जानकारी,15 एकड़ में फैले मेडिसिनल प्लांट में 250 औषधियों के पौधे जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज की दी जा रही जानकारी,15 एकड़ में फैले मेडिसिनल प्लांट में 250 औषधियों के पौधे जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज की दी जा रही जानकारी,15 एकड़ में फैले मेडिसिनल प्लांट में 250 औषधियों के पौधे जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज की दी जा रही जानकारी

रायपुर. राजधानी रायपुर के बीचों-बीच एक ऐसा मेडिसिनल प्लांट मौजूद है इससे आयुर्वेदिक तरीके से लोगों की कई बीमारियों का इलाज संभव है। 15 एकड़ पर फैला यह हर्बल ऑक्सीजन का मैन मेड प्लांट शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज के पीछे स्थित है। यहां लगे तमाम पेड़-पौधे औषधियुक्त हैं। यहां करीब 250 से ज्यादा अलग-अलग किस्म के औषधीय पौधें हैं। विद्यार्थियों समेत आम लोगों को इन पौधों से होने वाले लाभ और उपचार की जानकारी प्रशिक्षण के द्वारा दी जा रही है। आयुर्वेद चिकित्सा से तो कम खर्च में मरीजों का कैंसर और ब्लड व हाई प्रेशर जैसी बीमारी को आसानी से दूर किया जा सकता है।
आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से तैयार किए गए गार्डन में कई महत्वपूर्ण औषधियां लगाई गई है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यहां कई ऐसे महत्त्वपूर्ण मेडिसिनल प्लांट हैं, जो कैंसर और कई ऐसी बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक गार्डन में बड़ी मात्रा में औषधीय पौधे हैं। यह एक मात्र ऐसा गार्डन है जो पूरी तरह से औषधिय युक्त है। प्लांट्स में लगे पौधों का इस्तेमाल उपचार के लिए नहीं किया जाता है। जबतक पौधा पूरी तरह से पक ना जाए। पकने के बाद उसे पीसकर पाउडर बनाया जाता हैं इसके बाद इसे औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।
प्लांट में लगे पौधों से पाइल्स, सिकलिन, कुष्ट रोग, मानसिक रोग, कब्ज, डायबिटिज, बुखार समेत कई बीमारियों का इलाज संभव है। प्लांट में कुटज, दुग्धिका, महानिम, हर्रा, बथुवा भाजी, इंद्रजव, सतावरी, बला, पुनरनवा, सर्पपूंखा, खदिर, भेलवा, मण्डुक पर्णि, ब्राह्मी, वचा, ज्योतिषमति, तृवृत, ज्वरांकुश, लता करंज, चित्रक, करंज और सप्तपर्ण समेत तकरीबन 250 से भी ज्यादा अलग-अलग किस्म की औषधियां मौजूद हैं।
15 एकड़ में फैले मेडिसिनल प्लांट में 250 औषधियों के पौधे जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज की दी जा रही जानकारी

जड़ी बूटियों से घेरलू इलाज का दिया गया प्रशिक्षण
रायपुर. शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के तत्वावधान में शनिवार को जड़ी बूटियों से सामान्य घेरलू चिकित्सा पर मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। अभनुपर विकासखंड के आयुर्वेद ग्राम टेकारी में शासकीय आयुर्वेद औषधालय भवन में मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए किचन गार्डन में उपलब्ध पारंपरिक औषधी के बारे में जानकारी दी गई। शासकीय आयुर्वेद औषधालय टेकारी की आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. नमीरा आलम ने घरों में व किचन गार्डन में उपलब्ध औषधी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घरेलु औषधी के रुप में धनिया, कालीमिर्च, तुलसी, अदरक, आम, नीम, टमाटर, गाजर, हल्दी, नेंगूर जैसे औषधी का उपयोग आयुर्वेद में कारगर इलाज के रुप में किया जाता है। प्रशिक्षण अधिकारी डॉ संजय श्रीवास्तव ने ठंड में अचानक मौसम में बदलाव, तापमान में कमी आने से सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त, दांत दर्द, सिर दर्द व स्त्री रोग आदि से जड़ी बूटी से घरेलू उपचार का प्रशिक्षण दिया।

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