उन्होंने कहा कि यदि संबंधित पक्ष चाहें तो वह खुद इस मामले में मध्यस्था करने को तैयार हैं या किसी अन्य न्यायिक अधिकारी को भी वह इसके लिए चुन सकते हैं। स्वामी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि मामले को आपसी सहमित से सुलझाने के लिए न्यायालय ही आदेश दे तो उचित होगा। उन्होंने कहा कि इस पर मुख्य न्यायाधीश ने उनसे इस मामले को 31 मार्च को न्यायालय में फिर से उठाने को कहा है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अयोध्या विवाद को लेकर उच्चतम न्यायालय की सलाह का स्वागत करते हुए कहा है कि यह मुद्दा बातचीत से ही हल हो सकता है और दोनों पक्षों को इसकी पहल करनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी के इस संबंध में अनुरोध पर टिप्पणी की है कि न्यायालय के बाहर इस मामले को बातचीत से हल करने की कोशिश की जानी चाहिए।
न्यायालय ने कहा है कि जरूरत पडऩे पर वह इसमें माध्यस्था के लिए तैयार है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक अफजाल अहमद ने शीर्ष न्यायालय के इस सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि यह मसला बातचीत से हल हो सकता है और दोनों पक्षों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। अहमद कहा कि देश में अमन और चैन के लिए हम तैयार हैं और एकता तथा अखंडता के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों समाज को मिलकर काम करना चाहिए और जिसका हक है उसे मिलना चाहिए।