
heart attack
रायपुर. Health Tips: ठंड बढ़ते ही कई बीमारियां एक साथ बढ़ने लगी है। इसमें सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के साथ अस्थमा और न्यूरो के मरीज बढ़े हैं। आंबेडकर अस्पताल में हार्ट अटैक के जहां सामान्य दिनों में हर दिन 1-2 मरीज पहुंचते थे, वही अब यह बढ़कर 3-4 हो गए हैं।
डीकेएस हॉस्पिटल के न्यूरो विभाग की ओपीडी में 30 फीसदी मरीजों में इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में हदय रोगियों में हार्ट अटैक की संभावना 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
हृदय व अस्थमा रोगियों को ठंड की शुरुआत से ही उचित देखभाल के साथ बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। दिन में गुनगुनी धूप के बाद शाम को बढ़ती ठंडक से बचाव न किया तो वायरल, अस्थमा, हार्ट अटैक, अर्थराइटिस, इंफ्लूएंजा व त्वचा संबंधी बीमारियों की आशंका काफी बढ़ जाती है। ठंड से बच्चे, किशोर, जवान व बुजुर्ग सबको नुकसान हो सकता है।
हार्ट अटैक की वजह
सर्दियों में धमनियां सिकुड़ने का असर हार्ट पर भी पड़ता है। ऐसा होने पर हार्ट तक पहुंचने वाले ब्लड और ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। यह हार्ट अटैक की वजह बनता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
छाती में दर्द, घबराहट होना, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना आदि यह सभी लक्षण हार्ट अटैक के होते हैं। ऐसे में लोगों को तुरंत डॉक्टर की सलाह के साथ बीपी और इसीजी करा लेना चाहिए।
ब्रेन हेमरेज के लक्षण
अचानक से हाथ-पैर सुन्न हो जाना, आवाज चले जाना, बेहोश हो जाना, झटके आना आदि सभी लक्षण ब्रेन हेमरेज के होते हैं। ऐसे लोगों को अपनी देखरेख विशेष रूप से करनी चाहिए।
रायपुर आंबेडकर अस्पताल की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने कहा, ठंड में खून के गाढ़ा व चिपचिपा होने की वजह से ज्यादा धक्के बनने की संभावना रहती है। ठंड की शुरुआत से ही उचित देखभाल के साथ सतर्क रहने की जरूरत होती है। शरीर का तापमान मेंटेंन रखना जरूरी होता है।
रायपुर डीकेएस हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ. राजीव साहू ने कहा, 30 से 35 फीसदी लोगों में इन दिनों ब्रेन हेमरेज की शिकायतें आ रही है। ऐसे में जो लोग बीपी, अटैक की दवा खाने वाले हैं वह अपनी दवाएं खाते रहें। कोई समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
यह सावधानी बरतें
1. ठंड में अच्छी तरह से गर्म कपड़े पहनकर, सिर में टोपी और गले में स्कार्फ आदि लगाकर बाहर निकले।
2. हदय रोग से बचने के लिए ब्लॅड प्रेशर, शुगर व कोलेस्ट्रॉल की नियमित जाच कराएं।
3. मौसमी फल और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाए। शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दें।
4. डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का सेवन करते रहे। कोई समस्या होने पर तुरंत सलाह लें।
5. मॉर्निंग वॉक पर जल्दी न निकलें, धूप निकलने के बाद ही ऊनी कपड़े पहनकर घर से निकलें।
Published on:
20 Dec 2021 01:35 am
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