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रायपुर

क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर सौ से ज्यादा लोगों से बड़ी ठगी का खुलासा, जानें क्या है पूरा मामला

क्सिस बैंक के दो कर्मचारियों की मिलीभगत से तीन अन्य आरोपियों ने क्रेडिट कार्ड पर लोन दिलाने और उसकी लिमिट बढ़ाकर करोड़ों रुपए की ठगी कर ली।

रायपुरOct 11, 2021 / 04:00 pm

Ashish Gupta

credit card fraud in raipur

क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर सौ से ज्यादा लोगों से बड़ी ठगी का खुलासा, जानें क्या है पूरा मामला

रायपुर. एक्सिस बैंक (Axis Bank) के दो कर्मचारियों की मिलीभगत से तीन अन्य आरोपियों ने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर लोन दिलाने और उसकी लिमिट बढ़ाकर करोड़ों रुपए की ठगी कर ली। इन आरोपियों ने 100 से ज्यादा लोगों को लोन दिलाने का झांसा दिया। फिर उन्हें 2 से 5 लाख रुपए की लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड जारी करवा देते थे। लिमिट की राशि में से कुछ राशि पीड़ित को देते थे। बाकी का खुद उपयोग कर लेते थे, इसमें एक्सिस बैंक के दो कर्मचारी भी शामिल थे। पुलिस ने मामले की जांच की। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया। निखिल, शिव, शैलेंद्र और एक्सिस बैंक के कर्मचारी नबील व जगमोहन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बता दें कि ठगी के ज्यादातर मामले पिछले साल कोरोनाकाल के दौर के हैं। आरोपियों के पास बड़ी संख्या में क्रेडिट कार्ड मिले हैं। आरोपी ठगी के पैसों से फाच्र्यूनर जैसी महंगी गाड़ियों में चलते थे। पुलिस के मुताबिक राजेंद्र नगर में हेल्पिंग फारएवर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी संचालित है। इसके डायरेक्टर निखिल कोशले, शिव साहू और शैलेंद्र मिश्रा हैं। कंपनी बैंक से लोन दिलाने व क्रेडिट कार्ड बनवाने का काम करती है।
शक्तिनगर निवासी मोहन राव ने निखिल से लोन के लिए संपर्क किया। निखिल ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया। वहां पहले से एक्सिस बैंक का क्रेडिट कार्ड सेल्स एक्जीक्यूटिव नबील खान और जगमोहन भी थे। मोहन से उसका पैनकार्ड, आधार कार्ड आदि दस्तावेज लेने के बाद बैंक लोन की औपचारिकता पूरी की। इस दौरान निखिल और उसके साथियों ने कहा गया कि लोन स्वीकृत होने पर लोन का 25 फीसदी कमीशन व 25 हजार रुपए अपनी फीस बताई। मोहन इस पर राजी हो गया।
कुछ दिन बाद उसके घर में क्रेडिट कार्ड आया। उसे क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना नहीं आता था। वह फिर निखिल के ऑफिस पहुंचा। वहां निखिल और उसके साथियों ने 3 लाख रुपए लोन का 25 फीसदी रकम और 25 हजार रुपए फीस काटने के बाद मोहन को केवल 1 लाख रुपए नकद दिया और बताया गया कि बाकी रकम उनकी कंपनी में निवेश कर दिया है। उससे जो प्रॉफिट मिलेगा, उससे लोन की किस्त दी जाएगी। कुछ दिन बाद एक्सिस बैंक से क्रेडिट कार्ड की किस्त जमा नहीं हुई। फिर वह निखिल के पास पहुंचा, तो बताया गया कि कंपनी का अभी लाभ नहीं हुआ है। यह कहकर उसे टरकाने लगे। बाद में मोहन को पता चला कि आरोपियों ने 40-50 लोगों से इसी तरह क्रेडिट कार्ड बनाकर लोन दिलाया है। मोहन ने तेलीबांधा थाने में शिकायत की।

कार-बाइक समेत अन्य सामग्री जब्त
आरोपियों के पास पुलिस को 46 क्रेडिट-डेबिट कार्ड मिले हैं। इनमें से 31 क्रेडिट कार्ड एक्सिस बैंक के हैं और अलग-अलग लोगों के नाम से हैं। बाकी डेबिट कार्ड हैं। इसके अलावा 140 ब्लैंक चेक, 2 स्वाइप मशीन, थंब रीडर मशीन, लैपटॉप, प्रिंटर, नेट राउटर बरामद हुआ है। आरोपियों से फाच्र्यूनर व हैरियर कार के अलावा यामाहा आर-1 बाइक जब्त किया गया है।

आईटीआर बनाने वाला भी शक के दायरे में
मामले का खुलासा करते हुए एएसपी तारकेश्वर पटेल और एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आरोपियों द्वारा 4 करोड़ की ठगी का पता चला है। लोन दिलाने के नाम पर क्रेडिट की लिमिट बढ़वाते थे और फिर उसी राशि का आहरण कर लेते थे। क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए औपचारिक दस्तावेजों में इनकम टैक्स रिटर्न रिपोर्ट भी लगती है। इसी आधार पर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ती है। इस रिपोर्ट को बनाने वाले सीए की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। आरोपियों ने 100 से ज्यादा लोगों के साथ इस तरह की ठगी की है। फिलहाल पुलिस 10 लोग ही शिकायत लेकर पहुंचे हैं।

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