पीड़ितों के पास आने वाले अधिकांश वाट्सऐप कॉल के मोबाइल नंबर पाकिस्तान के कोड नंबर वाले हैं। कई पीड़ित इन नंबरों पर गौर करते ठगी से बच जाते हैं, लेकिन कई लोग इस ट्रैप में फंसकर लाखों रुपए गंवा रहे हैं। दरअसल इस तरह के मोबाइल नंबर वर्चुअल नंबर होते हैं। इसमें दूसरे देशों के नंबरों का इस्तेमाल करते हुए भारत में बैठकर कॉल करते हैं। जिनके मोबाइल में कॉल जाता है, उन्हें लगता है कि यह विदेशी नंबर है।
साइबर ठगी करने वाले अब वर्दी का डर दिखाकर ठगी कर रहे हैं। वाट्सऐप की डीपी में पुलिस अफसर, सीबीआई लिखा फोटो लगाकर रखते हैं। वाट्सऐप कॉल के साथ यह डीपी देखकर कई उन्हें सही का पुलिस अधिकारी समझ लेते हैं। इसके बाद मामला सुलझाने के नाम पर उनके बताए बैंक खाते में पैसा जमा करते हैं।
2. वाट्सऐप कॉल करने वाले की डीपी अच्छे से चेक कर लें। कहां के पुलिस अधिकारी हैं? उनका रैंक, नाम आदि की पूरी जानकारी लें।
3. ठगों के बताए बैंक खातों में पैसा जमा करने से पहले स्थानीय पुलिस को सूचना दें। अपने रिश्तेदारों और मित्रों से बातचीत करें।
4. ठगी का एहसास होते ही तत्काल साइबर पुलिस को सूचना दें।