
Raipur News: खमतराई इलाके के एक जिम में वर्कआउट करने गए नाबालिग की ट्रेडमिल पर दौड़ लगाते समय बेहोश होकर गिरने से मौत हो गई। नाबालिग ट्रेडमिल पर दौड़ लगा रहा था कि अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़ा था। उसे तत्काल अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है। धनलक्ष्मी नगर निवासी 17 वर्षीय सत्यम रहंगडाले भनुपरी के स्पेस जिम में वर्कआउट करने जाता था। 15 मई को भी सुबह करीब 9 बजे वह जिम गया था।
वर्कआउट करने से पहले वह ट्रेडमिल में दौड़ रहा था। अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़ा। उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उसके दोस्त और जिम के कर्मचारी तत्काल उसे देवेंद्र नगर के निजी अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट से मौत के कारणों का खुलासा होगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नाबालिग को हार्ट अटैक आया है या फिर ब्रेन हेमरेज हुआ है।
नाबालिग को वर्कआउट के लिए गाइड करने वाला कोई ट्रेंड ट्रेनर नहीं था। जिम ज्वाइनिंग से पहले उसकी फिटनेस जांच भी नहीं की गई थी। नाबालिग की मौत की सूचना पर परिजन अस्पताल पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए शव को बालाघाट ले गए। मृतक दसवीं का छात्र था। उनके पिता सब्जी का कारोबार करते हैं।
मृतक के नाबालिग होने के बावजूद जिम में वर्कआउट के समय ट्रेनरों ने ध्यान नहीं दिया। इसी के चलते नाबालिग की असमय मौत हो गई। दरअसल ट्रेडमिल पर वॉकिग के साथ रनिंग स्पीड का अलग-अलग पैमाना रहता है। इसे ट्रेनर अपनी निगरानी में करवाते हैं। नाबालिग ट्रेडमिल में दौड़ रहा था, उस पर किसी ट्रेनर ने ध्यान नहीं दिया। इसके चलते नाबालिग की दौड़ते-दौड़ते सांस फूलने की आशंका है।
राजधानी में कई जिम और फिटनेस सेंटर संचालित हो रहे हैं। अधिकांश में न तो ट्रेनर हैं और न ही फिटनेस एक्सपर्ट रहते हैं। नाबालिग की मौत से पहले भी अधिक स्टेराइड लेने से एक युवक की मौत हो चुकी है। उस मामले में पुलिस ने जिम संचालक के खिलाफ अपराध दर्ज किया था।
टीआई एसएन सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के मौत के कारणों का पता चलेगा। जिम संचालक, कर्मचारी और मृतक के दोस्तों से बयान लिए जाएंगे।
सामान्यतः जिम में लोग टीएमटी करने लगते हैं। 17 साल के छात्र के लिए टीएमटी करना सामान्य है, लेकिन हार्ट रोग विशेषज्ञों के अनुसार हार्ट में बिना किसी बीमारी के मौत संभव नहीं है। छात्र को हार्ट की कोई न कोई बीमारी जरूर रही होगी। कम उम्र होने के कारण कई बार बीमारी का पता नहीं चलता। टीएमटी करने के पहले इको टेस्ट जरूर कराएं। दरअसल टीएमटी करने से हार्ट की धड़कन 160 से 170 प्रति मिनट बढ़ जाती है। अगर कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉक हो तो हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। इससे मौत भी हो सकती है। छात्र के मामले में ऐसा ही होने की आशंका है।
राजधानी में 27 साल की एक महिला को हार्ट अटैक आ चुका है। वह गंभीर हालत में आंबेडकर अस्पताल पहुंची थी। इलाज के बाद उसकी जान बच गई। वहीं डेढ़ साल पचपेड़ीनाका स्थित एक बड़े निजी अस्पताल के 34 साल के रेडियोलॉजिस्ट की मौत हार्ट अटैक से हो गई।
Updated on:
17 May 2024 02:50 pm
Published on:
16 May 2024 09:29 am
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