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रायपुर

CG Election 2018: भाजपा-कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत वाली विधानसभा सीटों का जानिए हाल

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार सरकारी सुविधाओं से जनता को खुश करने का दावा कर रही है। लोगों के लिए खुशी के पैमाने स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और प्रशासनिक सहूलियतें आदि हैं।

रायपुरSep 15, 2018 / 03:27 pm

Ashish Gupta

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रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार सरकारी सुविधाओं से जनता को खुश करने का दावा कर रही है। लोगों के लिए खुशी के पैमाने स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और प्रशासनिक सहूलियतें आदि हैं। पत्रिका ने इन्हीं की तलाश में 2013 चुनाव में भाजपा-कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत वाली दो सीटों राजनांदगांव और मरवाही का सर्वेक्षण किया।
समाज के विभिन्न तबकों से बात कर खुशियों की स्थिति जानी। राजनांदगांव से विधायक और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से लोगों की उम्मीदें कहीं ज्यादा हैं, वहीं मरवाही में कांग्रेस विधायक और अभी जनता कांग्रेस के नेता अमित जोगी के वादे भावनात्मक स्तर पर ही हैं।

राजनांदगांव विधानसभा सीट

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सबसे बड़ी जीत वाली सीट है राजनांदगांव। विधायक डॉ. रमन सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। क्षेत्र खासकर राजनांदगांव शहर के हर घर में उनकी पहचान है। क्षेत्र में कुछ काम भी हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री होने की वजह से लोगों को उनसे जितनी उम्मीदें थी, उसमें कुछ कसर महसूस होती है। लोग कहते हैं कि काम तो बहुत हुए लेकिन योजना के अभाव में उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पाया।
फ्लाइओवर और बायपास बेतरतीब विकास के उदाहरण बनकर रह गए। मुख्यमंत्री ने पिछले चुनाव में यहां भिलाई से भी बड़ा इस्तात संयंत्र लगाने का वादा किया था, वह पूरा नहीं हो पाया। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नजर नहीं आता। अपराध की दर कम नहीं होने की शिकायत है। लोगों को लगता है कि सरकारी दफ्तरों में काम कराना आसान हुआ है, लेकिन रिश्वतखोरी पर लगाम नहीं है। इसे लेकर आम मतदाताओं में एक तरह से नाराजगी भी देखी जा रही है।
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मरवाही विधानसभा सीट
यह 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत वाली सीट है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र और फिलहाल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कर्ताधर्ता अमित जोगी यहां से विधायक हैं। इसे अजीत जोगी की पारंपरिक सीट भी कहा जाता है।

जिला मुख्यालय बिलासपुर से 110 किमी दूर का यह क्षेत्र मध्य प्रदेश की सीमा से लगा है। बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर नहीं हो पाई है। धनौली के हीरा सिंह का कहना है कि स्कूलों में शिक्षक नहीं आते, ऐसे में पढ़ाई भी नहीं हो पाती। पंकज तिवारी का कहना है कि पेण्ड्रा में एक अस्पताल तो बन गया है, लेकिन सुविधाएं अपर्याप्त हैं।
खून-पेशाब की जांच के लिए लाइन लगना पड़ता है। रतन गुप्ता दवाएं नहीं मिलने की शिकायत करते हैं। विधायक का दावा है कि उनकी कोशिशों से अस्पताल, स्कूल, आइटीआइ आदि बने हैं, सड़के आई हैं। लेकिन लोग खराब सड़कों की शिकायत करते हैं। सरकारी दफ्तरों में घूसखोरी अभी भी आम है। इससे लोगों में नाराजगी है।

समस्याएं जस की तस
निकटतम प्रतिद्वंद्वी 2013 अलका उदय मुदलियार ने कहा कि मुख्यमंत्री का क्षेत्र होने के बावजूद लोगोंं को पानी, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल मिला है, लेकिन यह भी रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में कोई काम नहीं हुआ है।

विकास भाजपा की देन
मरवाही भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा ने कहा कि मरवाही क्षेत्र में जो भी हुआ है, वह भाजपा सरकार की देन है। सत्ता में जो बैठे हैं उनका क्षेत्र को लेकर किसी प्रकार की योगदान नहीं है। ये तो वहां विकास कार्य भी नहीं करने देते हैं। क्षेत्र में जो भी अव्यवस्था और कमियां है उसके लिए विधायक जिम्मेदार हैं।

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