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रायपुर

जिस कंपनी से डेढ़ रुपए में नहीं खरीदा था मास्क, अब उसी से 8 रुपए में 3 लाख मास्क खरीदेगी सीजीएमएससी

कोरोना में भी कमीशनखोरी का खेल

रायपुरMar 26, 2020 / 06:21 pm

Nikesh Kumar Dewangan

जिस कंपनी से डेढ़ रुपए में नहीं खरीदा था मास्क, अब उसी से 8 रुपए में 3 लाख मास्क खरीदेगी सीजीएमएससी

जिस कंपनी से डेढ़ रुपए में नहीं खरीदा था मास्क, अब उसी से 8 रुपए में 3 लाख मास्क खरीदेगी सीजीएमएससी

रायपुर. कोरोना महामारी में भी सीजीएमएससी में कमीशनखोरी का खेल करने से बाज नहीं आया। जिस फर्म से डेढ़ रुपए मे ट्रिपल लेयर मास्क खरीदने को किया। उसी से तीन लाख मास्क 8 रुपए 8 पैसे में खरीदी का आदेश दिया है। पत्रिका को मिले दस्तावेज बताते हैं 14 फरवरी 2020 को निवाद क्रमांक 35 आर को प्राइस खोला गया। उसी दिन कॉर्टेल हेल्थ केयर की निविदा को अधिक दर बताकर निरस्त कर दिया गया था।
उस तिथि को कंपनी ने डेढ रुपए प्लस पांच प्रतिशत जीएसटी एक रुपए सत्तावन पैसे की दर को अधिक बता गया था। इसके बाद ट्रिपल लेयर मास्क की निविदा क्रमांक 63 किट दिनांक 13 जनवरी को जारी की गई। जिसकी दर 24 मार्च 2020 को खोली गई। जिसमें व्ही केयर नामक कंपनी 1 रुपए 89 रुपए रुपए में एल १ घोषित हुआ। सीजीएमएससी के अधिकारियों ने इस बार निविदा क्रमांक 35 के जैसे तत्परता नहीं दिखाई, जबकि कोरोना एक महामारी का रूप धारण कर चुका था। इसके बाद फिर से 20 मार्च सीजीएमएससी ट्रिपल लेयर मास्क के लिए कोटेशन जारी किया। जिसमें केवल तीन दिन का समय निविदा भरने के लिए और पांच दिन का समय आपूर्ति के लिए रखे जाने की शर्त रखी गई। 20 मार्च के ही टेंडर की समय अवधि बढ़ाकर २६ मार्च कर दी गई। 25 मार्च को कॉर्टेल हेल्थ केयर जिसकी 1 रुपए 57 की दर को सीजीएमएससी ने अधिक मानकर निरस्त किया था। उसी फर्म को 8 रुपए 8 पैसे की दर से तीन लाख मास्क का क्रय आदेश जारी कर दिया गया है।
मुनाफाखोरी के लिए निविदा रद्द कराई
स्वास्थ्य मंत्री को मिली शिकायत के मुताबिक निविदा क्रमांक 35 आर 28 मई 2019 को जारी की गई थी। निविदा को 7 फरवरी को यह निविदा की दर खोली गई। तब तक पूरे देश में मास्क की मांग कई गुना बढ़ चुकी थी। एेसे में डेढ़ रुपए की दर कंपनी को काफी कम लगी और सीजीएमएससी से मिलीभगत कर निविदा 14 फरवरी को निरस्त करा दी गई। जब कंपनी ने निविदा की दर भरी थी, तब तक कोरोना के कोई भनक तक नहीं थी। जैसे ही कोरोना का कहर बरसा और इसमें मुनाफाखोरी की योजना बना ली गई।
स्वास्थ्य विभाग के मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि मामले की शिकायत मिली है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव को जांच के निर्देश दिए गए हैं। जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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