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रायपुर

सियान के सम्मान करव

हमर संस्कार

रायपुरMar 08, 2019 / 07:28 pm

Gulal Verma

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सियान के सम्मान करव

सियनहा मन के सम्मान अउ सलाह म ही परिवार, समाज अउ देस के कलियान हे। संयुक्त परिवार सुख-दुख के बोझा ल उठा लेथे। फेर अब एकर उलटा होवत हे। सियान मन ल डोकरा-डोकरी कहिके लइका मन तिरिया देथे। सियान मन के सलाह नइ लेव। वोकर मन के बात ल हंसी म उड़ा देथें। मरे के बेरा मं टोका-टॉकी झन करके चुप करा देथें। जहां सियान के नइये धियान, उहां हे मरे बिहान।जेन लइका ह दाई-ददा के अंगठी ल धर के रेंगे ल सिखिस, अउ दाई-ददा के नांव लेके समाज मं जघा पाइस, ओही लइका ह जवान होके उनला आंखी गुड़ेरत हे। छोट-छोट बात मं दाई-ददा ल धकिया के घर ले बाहिर निकाल देथे। या फेर सियान-सियानिन ल बुढ़ापा मं छोड़ के अलग हो जथें। सबे के दाई-ददा अपन लइका मन ल दुलार के पालथे अउ पढ़ाथें के एक दिन हम सियान-सियानिन हो जाबो त हमर लइका ह सहारा बनही। बुढ़ापा म सेवा करहीं। फेर आज कोनो हजारों मं एक लइका ‘सरवनकुमारÓ देखे ल मिलथे। नइ तो अब तो 85 परसित सियान-सियानिन मन अपन लइकन ले दुखी अउ उपेक्छित हावंय। आज के समे म सबो जात के अब्बड़ सामाजिक संगठन बने हावय। फेर बेटा-बहू ले ठुकराय सियान-सियानिन मन ल कोनो आसरा नइ देवय। परिवार ल मनखे के पहिला इसकूल माने जाथे। जेन लइका ल परिवार ले बने संस्कार मिलथे, वो लइका मन अपन दाई-ददा के मान-सम्मान के संग सेवा करथें अउ एही लइका मन समाज अउ देस सेवा मं घलो आघू रहिथें। हमर बिनती हे के सबो परिवार अउ समाज मन सियनहा मनके सम्मान अउ कदर ल बढ़ावंय। सियनहा मन के सलाह ले परिवार चलय। आज के बिगड़े हालत ल सुधारे बर सियान मन के सलाह के जरूरत हावय। सोचे के बात हे- छत्तीसगढ़ मं कतको बछर ले बाढ़े माओवाद समसिया ल सुलझाए बर केंद्र अउ राज सासन ल रिटायर सियनहा-अधिकारी मन के जरूरत काबर परिस? काबर के सियनहा मन के अनुभव काम आथे।

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