सामाजिक बहिस्कार बंद हो
छत्तीसगढ़ म समाजमन म सामाजिक बहिस्कार अउ हुक्का-पानी बंद के मामले आगू आवत रहिथे। गांवमन म अइसन घटना बहुत होथे। जेमा जात अउ समाज ले बाहिर बिहाव करे, मुखिया के बात नइ माने, सामाजिक बइठका के मनमाने फरमान अउ आदेस ल मुंड़ी नवा के नइ माने से कोनो भी मनखे अउ वोकर परिवार ल जात-बिरादरी से बहिस्कार कर दे जाथे। वोकर समाज म हुक्का-पानी, पौनी-पसारी अउ यहां तक के रोटी -बेटी के सम्बंध ल बंद कर दे जाथे।
छत्तीसगढ़ म पच्चीस हजार से जादा परिवार समाज से बहिस्कार जइसन दंड के सिकार हवय। जेकर दसा चिंता के सेती हे। हमन सामाजिक बहिस्कार के घटना के विरोध में जागरुकता अउ ये संबंध म सक्छम कानून बनाय बर आंदोलन चलावत हंन। सामाजिक बहिस्कार होय से दंडित मनखे अउ वोकर परिवार जात ले बाहर होय से गांव म बड़ मुुसकुल म पर जथें। गांव-समाज म कोनो भी मनखे समाज ले निकाले परिवार ले न तो कोनो गोठिया सकय अउ न ही वोकर ले कोनो किसम के बेवहार रख सकय।
समाज ले निकाले परिवार ल बोरिंग ले पानी ले बर, तालाब म नहाय अउ निस्तार करे बर, नहावन, सार्वजनिक कार्यक्रममन म सामिल होय बर, पंगत में संग बइठे के मनाही हो जथे। इहां तक कि वोला गांव के किराना दुकान म सामान बिसाय बर, बनी-भूती करे बर, नाउ, बर-बिहाव जइसन सामाजिक अउ सार्वजनिक कार्यक्रम, यहां तक अंतिम संस्कार म घलो सामिल होय से मनाही होथे। वोला सुख-दुख म आय-जाय बर मनाही कर दे जाथे। वोकर सेती परिवार ह गांव म एकदम अपमानजनक हाल, मुसीबत म पहुंच जाथे। गांव म रहइ मुसकुल हो जथे।
सामाजिक पंचायत अपन बइठका बला के सामाजिक बहिस्कार ल हटाय बर वोकर ले भारी दाड़, अनाज, गांव छोड़े जइसन मनचाहे आदेस जारी कर देथे। सामाजिक बहिस्कार के सेती अलग-अलग जगा ले खुदकुसी, हत्या, प्रताडऩा अउ गांव छोड़े के खबर लगातार समाचार म आते रहिथे। एकेर बारे म आज तक कोनो मजबूत, तकड़ा कानून नइ बन पाय हे। ऐकर सेती अइसन मामला म कोनो उचित, सख्त कारवाई नइ होय पावत हे, न ही येला बंद करे के कोनो कोसिस होवत हे।
सामाजिक बहिस्कार के मामला म सही संख्या के नेसनल क्राइम रेकार्ड ब्यूरो, राज्य सरकार, पुलिस विभाग करा अब तक कोनो रेकार्ड, जानकारी नइये। अइसे मोला जानकारी ‘सूचना के अधिकारÓ से मिले हे। जबकि अइसन घटना हमर परदेस अउ देसभर म सरलग होवत हे। पेपर, सोसल मीडिया म घलो सुने-पढ़े बार मिलथे। सामाजिक बहिस्कार के संबंध म सक्छम कानून बनाय खातिर अउ वोमन ल समाज के मुख्य धारा म दुबारा लाय के कोसिस करे के घलो जरूरत हवय। आधुनिक जुग म समाज म जागरुकता के खच्चित जरूरत हे।
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