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रायपुर

गोबर पुरान

गोठ के तीर

रायपुरApr 12, 2021 / 03:58 pm

Gulal Verma

गोबर पुरान

गोबर पुरान

पुरान हमर संस्करीति (संस्कृति) के धरोहर आय। जउन हमन ल बने मनखे बने के बात बताथे। रद्दा देखाथे। त चलव नवा पुरान ल घलो जान लेथन। वइसे गोबर के महिमा बड़ निराला हे। पहली पुजौं गौरी -गनेस अउ गौरी गनेस काकर से बनाथे ऐला तो जानतेच हौ। फेर, मेहा कुछू अउ बात बताय बर चाहथंव।अरे, उहां का होवत हे? अभिच्चे ये दूनों संगवारी बात करत रहिसे अउ अभिच्चे लड़े ला धर लिस। आवाज़ उंचाहा होगे। का काहत हें वोमन, चलव लुका के उंकर गोठ-बात ल सुनबोन।
प हली संगवारी- मोर ले जादा बहस करे के जरूरत नइये। दूसर संगवारी- काबर नइये। मोर उधारी ल तो दे दे। उधारी पटाए नइ ***** अउ बड़े आदमी असन खरचा करथस। लाकडाउन म कोनो काम-धंधा नइ चलत हे। अउ तेहां उधार मांग के मेछरावत हस। पहली संगवारी- हे भगवान तेहा का काहत हस। लाकडाउन म तो मोरो काम नइ चलत हे। दूसर संगवारी- अच्छा त गुड़ाखू कहां ले पाए?
पहिली संगवारी- वो तो मोर घरवाली ह धमकी दिस हे। गुड़ाखू नइ लाबे त देख लेबे तो का हाल होही तेन ला। तेकर सेती मेहा कइसनो करके पइसा के बेवस्था करेंव अउ गुड़ाखू लानेंव हंव। दूसरा संगवारी- कहां ले लाए पइसा मोला बता, नइते बने नइ होही। मेहा सब मनखे ल सकेलहूं। पहली संगवारी- अब छोड़ ना यार, बाद म बता दूंहूं। अभी जान दे, नइतो मोर घरवाली मोर बारा बजा दिही। दूसरा संगवारी- बता दे, नइतो मनखेमन ल सकेलहूं।
पहली संगवारी- अच्छा-अच्छा, रुक बतावत हंव। तंय तो मोरकाम ला जानथस। दूसरा संगवारी- का! चोरी करे हस का? ***** तोला न िजानहूं। पहली संगवारी- अब तोर ले का छिपाहूं यार, आजकल हमर चोरी के धंधा घलो मंदा हे। लॉकडाउन के सेती सब झन घर म रहिथें। दिनभर सुतथे, तहां ले रातकुन वोमन ल नींद नइ आवय। गली म लोगबाग निकलत नइहे, त लूटपाट घलो नइ ं कर सकन। अतका पढ़े-लिखे घलो नइ अँव के ‘साइबर चोरी’ असन बुद्धिमानी के काम कर सकंव।
दूसर संगवारी- तेहा अपन बात ला झन बदल बेटा। अब तो गयेस काम से।े अभी सब्बोझन ला सकेलहूं। बीच सडक़ म तोर बेज्जती होही। तब पता चलही। अतका महंगी गुड़ाखू के बारे म नइ बतावत हस ता ठीक हे, अब तो तोर बारा बजही।
पहली संगवारी- उही ला तो बतावत हंव। मेहा अधरतिया बाल्टी लेकर चौक म जाथंव। गाय-गरुवामन के गोबर ल बाल्टी म भरके लानथंव। दूसर संगवारी- आजकल तो रोका- छेका के अभियान चलत हे। त रद्दा म मवेसीमन कहां ले होगी? पहली संगवारी- बोलई अउ करई म अंतर होथे ना यार, अब्बड़ चेंधथस। अउ इही गोबर ल बेचथंव त पइसा मिलथे।
दूसर संगवारी- वाह यार, का बात हे। धन्य हो गद्दी म बइठइयामन के जउन लाकडाउन म रोजी-रोटी चले के काम-बुता निकालिस। फेर, अतका म गुड़ाखू त नइ आय। नानकुन डब्बा ह दू सौ म आथे, बडक़ा मनखेमन बिसा सकथें। अइसन म तेहां कइसे गुड़ाखू बिसाये, तेन ल बता।
पहली संगवारी- एक-एकठन ल पूछथस जी। लोगबाग गोबर के डराम ल बेचे बर लाइन म लगा के राखे रहिथें। उहां ले वोकरर डराम ला गायब करके दूसर जघा बेच के आ जथंव। दूसर संगवारी: वाह! नवा काम त चोरी के नवा आइडिया। फेर, पानी बरसात म गोबर त बोहा जही त कइसे होही? पहली सवारी- वोला वोमन जानंय। धान खरीदाय हे, खुल्ला म रखाय हे। पानी-बरसात म धान म जरई अ ागे हे। वोकरो त उही हाल हे। अब ऐला का कहिबे।
दूसर संगवारी- तेहा नइ जानस यार। वोकर बाते अलग हे। पद म बइठे हें तेमन बड़ समझदार हें। किसानमन ला डबल मेहनतझन करे बर परय कहिके, ताय यार। ऐमन किसानमन ल धान के बिजहा न बेच के, सोझ्झे थरहा बेचहीं। किसानमन सोझ्झे थरहा ल खेत म लगाहीं। किसानमन के धान बोए के मेहनत बांचिस के नइ! पहली संगवारी- हव यार। मेहा तो सोचे नइ रेहेंव जी। हां, गोबर के घलो अइसने कोनो कारन होही यार। दूसर संगवारी-अरे यार, मेहा बतावत हंव तोला। दू रुपिया म चाउर दे के एकझन ‘फेमस’ होगिस, त दूसरोमन ला तो ‘फेमस’ होय बर हे न। त वोमन ल घलो नवा आइडिया लाए ल परही। अइसन बेरा म गोबर म ठउके अभर गे। वोकर उपयोग घलो होगी, आदमी नाव घलो कमा लिही। धरम के झंडा घलो फहरा लिही। अब देख लोगनमन का काहंत हें। कुरिया म गोबर के पुट्टी लगाए ले कुरिया जुड़ (ठंडा) रहिथे। वाह रे गियानी हो! अरे, हमर पुरखामन त अइसने करंय। गोबर के खातू बनाके अब्बड फसल लेवंय। अब ये किसानमन गोबर ल बेचथें। अब देखबे उही गोबर के खातू ल दुगुना पइसा म बिसाहीं। बइठे-बइठे डबल कमाई। गोबर म मिलावट करे के आइडिया आ गे न, फेर पूछ झन का होगी तेन ल। कोनो ‘बाबाजी’ गोबर ले कोनो बीमारी के खाए के दवा बना दिस तहाले तो भइगे। हो सकथे उहू दवाई जल्दी बन जही।
पहली संगवारी- अरे बाप रे! ऐला तो मेहा सोचे नइ रहेंव। का दिमाग पाए हस यार। बढ़ बेरा होगे, अब मेहा जावत हंव। तोर उधारी चुका दुहुं, चिंता झन कर। दूसर संगवारी- जउन काम म ते लगे हस सफल होबे, घरवाली ले बांच गेस त मोर पइसा लहुटा देबे। चल चलथंव
ये ददा! त सुनेव, इहां का होवत हे। अब महूं चलंव भइया। बड़ बेरा होगे, नइते मोरो गोसइन मोर बारा बजा दिही।

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