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रायपुर

आसमान को चीरते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे करेगा रायपुर का यह नौजवान

सिटी के हुश्नेश रत्न को मिली बड़ी कामयाबी, बने फ्लाइंग ऑफिसर

रायपुरJun 22, 2020 / 10:30 pm

Tabir Hussain

आसमान को चीरते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे करेगा रायपुर का यह नौजवान

हैदराबाद एयरफोर्स एकेडमी में हुश्नेश रत्न।

ताबीर हुसैन @ रायपुर। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। किसी शायर की यह लाइनें बहुत लोगों ने पढ़ी और सुनी होगी, लेकिन राज्य के हुश्नेश रत्न ने इसे खूब ठीक से समझा है और साबित कर दिया है कि हौसले के दम पर आसमां भी हासिल हो सकता है। कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए हुश्नेश ने अपनी मंजिल हासिल करते हुए फाइटर प्लेन में सवार होकर दुश्मनों के दांत खट्टे करेंगे। उनकी नियुक्ति एअरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए हुई है। एयर फोर्स में पायलट बनना कई युवाओं का सपना होता है लेकिन ये इतना आसान नहीं है। इसके लिए बहुत अधिक समर्पण, दृढ़ इच्छाशक्ति और इस चुनौतीपूर्ण एवं आकर्षक भूमिका के लिए साहस होना चाहिए। कठिन ट्रेनिंग प्रक्रिया से गुजरे एयर फोर्स पायलट को काफी कठिन ट्रेनिंग प्रक्रिया से गुजरना होता है जिसमें फाइटर प्लेन फ्लाइंग के दौरान हवा से हवा में आक्रमण करना होता है। इंडियन एयर फोर्स पायलट की जिम्मेदारी होती है कि दिये गये मिशन को पूरा करे जिसमें दुश्मन के बेस को तबाह करना, सोल्जर्स / सिविलयन्स को बचाना या दोनो शामिल होते हैं। कुछ एक मामलों में एयर फोर्स पायलट को शांति बनाये रखने वाले मिशन में भी लगाया जाता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में इन्हें फायटर जेट के साथ आक्रमण के लिए ट्रेनिंग दी जाती है।

अनुशासन देख बनाया था सैनिक स्कूल से वापसी का मन

आजाद नगर निवासी हुश्नेश के पिता आरडी घिडोरे ने बताया, सन् 2010 में सैनिक स्कूल अंबिकापुर में चयन हुआ। वहां फिटनेस को बहुत ध्यान दिया जाता है। अनुशासन का पालन करना आसान भी नहीं था, इसलिए एक बार हुश्नेश ने घर लौटने का मन बना लिया था। हमने समझाया कि बेटा यही अनुशासन और फिटनेस आगे काम आएगी।

दो टेस्ट में हो गए थे फेल

इस सेवा के लिए कई तरह के कठिन टेस्ट से होकर गुजरना होता है। घिडोरे ने बताया कि दो टेस्ट थे जिसमें हुश्नेश फैल हो गए थे, लेकिन वह प्रारंभिक चरण था। दूसरी चांस में खुद को साबित करते हुए सारे टेस्ट में पास हुए और आर्मी, नेवी से लेकर एअरफोर्स के लिए फिट साबित हुए।

एकेडमिक सफर

बारहवीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल अंबिकापुर से करने के बाद हुश्नेश एनडीए पुणे से फाइटर पायलट ऑफिसर की परीक्षा पास की। तीन साल वहीं पढ़ाई के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए जून 2019 में जेएनयू से एनडीए ग्रेजुएट हुए। सालभर के लिए हैदराबाद स्थित एयरफोर्स अकादमी ने स्पेशल ट्रेनिंग के लिए कमीशंड हुए। इनके पिता आरडी घिडोरे संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त संचालक हैं।
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