अनुशासन देख बनाया था सैनिक स्कूल से वापसी का मन
आजाद नगर निवासी हुश्नेश के पिता आरडी घिडोरे ने बताया, सन् 2010 में सैनिक स्कूल अंबिकापुर में चयन हुआ। वहां फिटनेस को बहुत ध्यान दिया जाता है। अनुशासन का पालन करना आसान भी नहीं था, इसलिए एक बार हुश्नेश ने घर लौटने का मन बना लिया था। हमने समझाया कि बेटा यही अनुशासन और फिटनेस आगे काम आएगी।दो टेस्ट में हो गए थे फेल
इस सेवा के लिए कई तरह के कठिन टेस्ट से होकर गुजरना होता है। घिडोरे ने बताया कि दो टेस्ट थे जिसमें हुश्नेश फैल हो गए थे, लेकिन वह प्रारंभिक चरण था। दूसरी चांस में खुद को साबित करते हुए सारे टेस्ट में पास हुए और आर्मी, नेवी से लेकर एअरफोर्स के लिए फिट साबित हुए।एकेडमिक सफर
बारहवीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल अंबिकापुर से करने के बाद हुश्नेश एनडीए पुणे से फाइटर पायलट ऑफिसर की परीक्षा पास की। तीन साल वहीं पढ़ाई के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए जून 2019 में जेएनयू से एनडीए ग्रेजुएट हुए। सालभर के लिए हैदराबाद स्थित एयरफोर्स अकादमी ने स्पेशल ट्रेनिंग के लिए कमीशंड हुए। इनके पिता आरडी घिडोरे संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त संचालक हैं।