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पखांजूर के थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि कुछ दिन पहले पीवी-12 मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षिका शुभ्रा पाल ने थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया कि 10 जून को जब वह एटीएम से पैसा निकालने के लिए पहुंची तो उसके खाते में सिर्फ 9 रुपए बचे थे। 11 जून को बैंक पासबुक एंट्री करवाने पहुंची तो उसमें पता चला कि खाते से 278 बार में 3 लाख 22 हजार रुपए निकाले गए थे।ये भी पढ़ें…बेंगलूरु टॉप पर, गांधीनगर और जयपुर से बेहतर है रायपुर
शिक्षिका ने पुलिस को बताया कि इस बीच उसके मोबाइल फोन पर न तो कोई ओटीपी आया और न ही पैसा कटने का मैसेज आया। इससे उसे ठगी होने का पता नहीं चला। थाने में मामला दर्ज होने पर पुलिस के साथ बैंक कर्मचारी भी परेशान हो गए। बिना ओटीपी और मैसेज के खाते से पैसा कैसे आहरण कर लिया गया। जांच में जुटी पुलिस को लग रहा था कि आरोपियों ने ठगी करने का नया तरीका ईजाद कर लिया है।ये भी पढ़ें…रामदेव ने कोरोना के एलोपैथी इलाज को लेकर बोला हमला, एफआईआर दर्ज
पुलिस ने इस पेचीदा मामले को सुलझाने के लिए साइबर सेल की मदद ली। साइबर पुलिस दिन-रात एक कर इस ठगी की तह तक पहुंची तो चौंकाने वाला मामला सामने आया। पुलिस ने बताया कि सभी घरों में स्मार्टफोन पर बच्चे दिनभर ऑनलाइन गेम खेलते हुए नजर आते हैं। गेम खेलने में पैसा नहीं कटता है लेकिन गेम खेलने के दौरान डायमंड खरीदने में पैसा कटता है। ऑनलाइन गेम खेलने वाले बच्चे हथियार, बंदूक या फिर कोई अन्य वस्तु की खरीदी करते हैं। जिस कारण मोबाइल से जुड़े हुए बैंक खाते से पैसा कट जाता है। डायमंड की खरीदी करने के लिए बच्चे ने तीन माह में 278 बार बैंक खाते का उपयोग किया। इसमें 19 से लेकर 5000 रुपए तक कटे हैं।