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रायपुर

सीएम ने बताया क्लाइमेट चेंज से निजात पाने का तरीका

ठेठ छत्तीसगढिय़ा किसान की वेश-भूषा में आए chief minister bhupesh baghel मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया माटी पूजन महाअभियान का किया शुभारंभ। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अक्ती तिहार में शामिल हुए और ट्रैक्टर भी चलाया। सीएम ने कहा- chhattisgarh छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और आधुनिक तकनीक से खेती-किसानी में आगे बढ़ेंगे।

रायपुरMay 03, 2022 / 09:57 pm

शिव शर्मा

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सीएम ने बताया क्लाइमेट चेंज से निजात पाने का तरीका,सीएम ने बताया क्लाइमेट चेंज से निजात पाने का तरीका

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( chief minister bhupesh baghel) ने मंगलवार को अक्ती पर्व पर ठेठ छत्तीसगढिय़ा किसान की पारम्परिक वेश-भूषा में धोती कुर्ता पहनकर माटी पूजन किया और धान बुवाई कर माटी पूजन महाअभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने धरती मां की जयकारा करते हुए धान बीज का छिडक़ाव किया। ट्रैक्टर भी चलाया। साथ ही भूमि की उर्वरता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जैविक खेती को अपनाने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा- आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग (global warming) से चिंतित है। छत्तीसगढ़ ने सुराजी गांव योजना लागू कर नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के जरिए क्लाईमेट चेंज से निजात पाने का रास्ता खोजा है। गौठानों में मवेशियों को सुरक्षित कर एवं गोबर खरीदी कर खाद तैयार किया जा रहा है। गांव में ही खाद उपलब्ध होने से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गोमूत्र से औषधि बनाने की योजना भी तैयार की गई है। इससे भी गोपालक किसानों को लाभ मिलेगा।
कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित अक्ती तिहार और माटी पूजन दिवस के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम ने कहा, छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा वैज्ञानिकता पर आधारित है। हमें कृषि क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए राज्य की संस्कृति परंपरा और आधुनिक तकनीक का उपयोग करना होगा। इसके लिए राज्य सरकार हर संभव बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रही है। हमें छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपरा की अच्छी बातों को ग्रहण करते हुए आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर खेती किसानी को आगे बढ़ाना है।
सीएम ने कहा, हमें खेती की जमीन को सहेज कर रखना होगा। यदि हम मिट्टी के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, तो इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी और हमारे स्वास्थ्य की भी रक्षा होगी। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी कठोर हो रही है। जमीन में विषैले तत्व बढ़ रहे हैं, जो कैंसर, हायपर टेंशन सहित अनेक बीमारियों का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा जैविक खेती को अपनाने से धरती माता और पशुधन की सेवा के साथ-साथ मानव समाज की भी सेवा होगी।
इस मौके पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, राज्य के एक लाख 4 हजार करोड़ रूपए के बजट में से 27 हजार करोड़ किसानों के खाते में जा रहा है। रूरल इंड्रस्ट्रियल पार्क के लिए बजट में 6 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने भी संबोधित किया।

100 से ज्यादा धान प्रजातियों का उत्पादन
सीएम ने इसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विगत 35 सालों से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यहां के कृषि वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि 35 साल में 100 से अधिक धान के उत्कृष्ट प्रजाति के बीजों का उत्पादन किया है, साथ ही छत्तीसगढ़ की 23,000 से अधिक धान की विभिन्न प्रजातियों के बीजों को संरक्षित कर विश्वविद्यालय में सुरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि कृषि तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए कृषि इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी महाविद्यालय भी प्रारंभ किया गया है। इससे आधुनिक तकनीक के लिए नए-नए कृषि यंत्र भी उपलब्ध हो सकेंगे।

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