घटना की जानकारी जब गांव वालों को हुई तो इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके से शव को बरामद कर आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों को रिमांड में जेल भेज दिया जाएगा।
73 साल के पति को 65 साल की पत्नी पर था शक, हत्या कर घरवालों को बताया और निकल गया घूमने
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लैलूंगा के पहाड़ लुड़ेग निवासी छविलाल मांझी की पत्नी कुछ साल पहले उसे छोड़ कर चली गई है। ऐसे में वह अपने दो बच्चों सहित माता-पिता और भाई के परिवार के साथ संयुक्त रूप से रहता था। गर्मी के दिनों में छविलाल, उसकी मां, भाई व पिता ने मिलकर तेंदूपत्ता तोडऩे व संकलन करने का काम किए थे। तेंदूपत्ता के काम का रजिस्ट्रेशन छविलाल की मां के नाम में था। ऐसे में 6 हजार रुपए छविलाल की मां खाते में आया। इसे वह 9 जुलाई को बैंक से निकाल कर घर लाई थी।
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10 जुलाई को छविलाल अपनी मां से अपने हिस्से का पैसा मांगा तो उसे उसकी मां ने पांच सौ रुपए दिया। इसे लेकर वह बस्ती तरफ गया और शराब पीकर पैसा को खत्म कर दिया। 11 जुलाई की सुबह करीब साढ़े 10 बजे छविलाल फिर से शराब पीकर घर आया और अपनी मां से फिर से पैसा मांगने लगा। तब उसकी मां उसे बोली कि बेटा पैसा को हिसाब करके सभी आपस में बांटेंगे।हत्यारिन माँ के गुनाहों की सजा भुगत रहा मासूम, बाप ने लगाईं थी मदद की गुहार और फिर…
ऐसे में छविलाल भडक़ गया और अपनी मां के साथ विवाद करने लगा। इस पूरे वाकये को छविलाल का पिता घुनेश्वर मांझी वहां खड़ा देख रहा था। अचानक घुनेश्वर तैश में आया और टांगी उठा कर छविलाल के गर्दन पर जानलेवा हमला कर दिया। इससे छविलाल जमीन पर गिर गया। इसके बाद घुनेश्वर ने अपने ही बेटे के कनपटी के पास टांगी से ताबड़तोड़ वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया।बच्चे रोए तो उजागर हुआ मामला
बताया जा रहा है कि घटना के बाद छविलाल का शव घर के आंगन में ही पड़ा था। इसे देख छविलाल व उसके छोटे भाई मशतराम के बच्चे रो रहे थे। पुलिस ने बताया कि इनके घर के पीछे ही केलो नदी का उद्गम स्थल है। वहां शिव मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर में कार्यरत कारीगरों ने जब बच्चों के रोने की आवाज सुनी तो मौके पर जाकर देखा तो वहां खून से लतपथ छविलाल की लाश पड़ी थी। ऐसे में वे डर गए और डर कर अन्य ग्रामीणों को घटना की जानकारी देने बस्ती की तरफ भागे।
आधे घंटे में शव को लगाया ठिकाना
पुलिस ने बताया कि घटना स्थल पर सिर्फ छविलाल व उसके परिवार का ही एकमात्र घर है। जबकि अन्य ग्रामीणों का घर करीब आधा किमी की दूरी पर स्थित है। ऐसे में ग्रामीणों को मौके पर पहुंचने में समय लगता। इसलिए डर के मारे घुनेश्वर ने अपने छोटे बेटे मशत राम के सहयोग से छविलाल के शव को उठाकर केलो नदी के उद्गम स्थल में फेंक दिया था। जब ग्रामीण उसके घर के पास आकर देखे तो वहां शव नहीं था, लेकिन ग्रामीणों ने घुनेश्वर से सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या कर अपने छोटे बेटे की मदद से शव को पानी में फेंकना बताया। इसके बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने इस मामले में हत्या का अपराध दर्ज कर दोनों पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है।
सिर से उठ गया पिता का साया
इस घटना से मृतक का पूरा परिवार बिखर गया। घर के एक पुरुष की मौत हो गई। जबकि दो अन्य अब जेल में सजा काटेंगे। इस घटना से घर में मौजूद बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। उनके भविष्य पर अंधकार छा गया है। वहीं घर की महिलाएं भी सदमे में हैं कि बाकी की जिंदगी वे कैसे गुजारेंगे। Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर…
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