मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था, अगले पांच वर्षों तक उत्पादक राज्यों के घाटे की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार करेगी। केंद्र सरकार ने सेस लगाया। उसी से राशि मिलती रहनी थी। लेकिन सच यह है, पिछले 6 महीनों से हमे ढेला भी नहीं मिला।
अभी तक हमें 4 हजार करोड़ रुपए मिल जाना था, जो नहीं मिला है। हमने यही आग्रह किया था, जब लोन लेना है और पटाना आप को ही है तो आप ही लोन लीजिए। देर से ही सही स्वीकार तो किए हैं। लोन को पटाने का काम भी उन्हीें को करना चाहिए।
यह है केंद्र का नया प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों खुद ही एक लाख 10 हजार करोड़ का कर्ज लेकर राज्यों को देने का प्रस्ताव दिया था। उसमें कहा गया था, कर्ज केंद्र सरकार लेगी लेकिन यह दिखेगा राज्यों के खाते में। राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर दूसरे गैर एनडीए शासित राज्यों से बातचीत कर रही है, ताकि किसी फैसले पर पहुंचा जा सके।